इस विधि से करें मां गंगा की पूजा, मोक्ष की होगी प्राप्ति
गंगा नदी को मोक्षदायिनी और जीवनदायिनी कहा जाता है। हिंदू धर्म में देवी के रूप में पूजित, गंगा का जल न केवल शुद्ध है बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
वेद-पुराणों में इनका विस्तृत वर्णन मिलता है। मान्यता है कि गंगा स्नान से न केवल इस जन्म के बल्कि पूर्वजन्म के पाप भी धुल जाते हैं।
वामन पुराण के अनुसार, जब भगवान विष्णु ने वामन का रूप लेकर अपना एक पैर आकाश की ओर बढ़ाया, तो ब्रह्मा जी ने उनके चरणों को धोकर उस पवित्र जल को अपने कमंडल में भर लिया। इस जल की तेजस्वी किरणों से कमंडल में देवी गंगा प्रकट हुईं। ब्रह्मा जी ने गंगा को हिमालय को सौंप दिया, जिससे वे देवी पार्वती की बहन बन गईं।
अन्य कथा के अनुसार, वामन के पैर के स्पर्श से आकाश में एक छेद हो गया और तीन धाराएं फूट पड़ीं। ये धाराएं पृथ्वी, स्वर्ग और पाताल में बहने लगीं, इसलिए गंगा को त्रिपथगा भी कहा जाता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य त्रिपाठी जी द्वारा बताए गए जानकारी के आधार पर बताते हैं कि मां गंगा की पूजा किस विधि से करें?
मां गंगा की पूजा के लिए सामग्री
मां गंगा की पूजा करने से सामग्री के बारे में विस्तार से जान लें।
- कलश
- गंगा माता की मूर्ति या चित्र
- फूल
- अक्षत
- रोली
- चंदन
- धूप
- दीपक
- नैवेद्य
- नारियल
- पान के पत्ते
- सुपारी
- आम के पत्ते
- गंगाजल
मां गंगा की पूजा किस विधि से करें?
मां गंगा की पूजा-अर्चना करने के लिए विधि आप पंडित जी से पूछकर कर सकते हैं।
- सबसे पहले एक कलश में गंगाजल भरकर उसे पूजा स्थल पर स्थापित करें।
- मां गंगा की मूर्ति या चित्र को चौकी पर स्थापित करें।
- गंगाजल से आचमन करें।
- दीपक जलाकर मां गंगा को अर्पित करें।
- मां गंगा को फूल अर्पित करें।
- मां गंगा को धूपबत्ती जलाएं।
- मां गंगा की मूर्ति या चित्र पर रोली और चंदन का तिलक लगाएं।
- मां गंगा को नैवेद्य अर्पित करें।
- मां गंगा की आरती करें।
- मां गंगा की पूजा करने के दौरान मंत्र का जाप करें।
ऊं नमो भगवती हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहा
ऊं गंगे च यमुने चैव गोदावरी नर्मदे तथा। सिंधु कावेरी जलेऽस्मिन् सन्निधौ देवि तेऽस्तु मे॥
मां गंगा की पूजा करने के नियम
- मां गंगा की पूजा सही दिशा में बैठकर करना शुभ माना जाता है।
- मां गंगा की पूजा करने के बाद आचमन जरूर करें।
- मां गंगा की पूजा करने के दौरान मां पार्वती की पूजा भी करनी चाहिए।
- मां गंगा की पूजा करने के लिए घाट सबसे शुभ स्थान माना जाता है।
मां गंगा की पूजा का महत्व
गंगा को मोक्षदायिनी नदी भी कहा जाता है। मान्यता है कि गंगा जल में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। गंगा जल से पितृ दोष निवारण किया जाता है। मां गंगा की पूजा करने से व्यक्ति को मनोवांछित फलों की प्राप्ति हो सकती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी मिलता है। मां गंगा की पूजा करने से व्यक्ति को यश और कीर्ति मिलती है।