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मां दुर्गा का रूप शक्ति और वीरता का प्रतीक है। वे राक्षसों और असुरों से संसार को बचाने वाली देवी हैं। उनकी पूजा से व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आत्मिक बल मिलता है। उन्हें शेर पर सवार देखा जाता है, जो उन्हें शक्ति और साहस का प्रतीक बनाता है। मां दुर्गा की पूजा करने से हमें शक्ति और ऊर्जा मिलती है। यह हमें अपने जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करती है। मां दुर्गा ने महिषासुर जैसे राक्षसों का वध करके संसार को बुराई से मुक्त कराया था। दुर्गा पूजा हमें सिखाती है कि हमें हमेशा बुराई के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। दुर्गा पूजा के दौरान मां दुर्गा की भक्ति और आराधना करने से हमारे आसपास का वातावरण सकारात्मक होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में मां दुर्गा की पूजा विधि के बारे में विस्तार से जानते हैं।
माँ दुर्गा की पूजा का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है। माँ दुर्गा को शक्ति, सुरक्षा, और मातृत्व की देवी के रूप में पूजा जाता है। दुर्गा पूजा, विशेषकर नवरात्रि के दौरान, एक महत्वपूर्ण त्योहार होता है जो माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के लिए समर्पित है। यह पूजा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, क्योंकि माँ दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध करके देवताओं और मनुष्यों को उसके अत्याचार से मुक्त कराया था। दुर्गा पूजा का महत्व व्यक्ति के जीवन में शक्ति, साहस, और सकारात्मकता लाने में भी है। यह पूजा व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनाती है और उसे जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करती है।