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जन्माष्टमी पूजन विधि (Janmashtami Poojan Vidhi)

भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी का किया जाने वाला व्रत 


इस दिन अपनी नृत्यक्रिया स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वछ वस्त्र धारण करें एवं जन्माष्टमी पूजन में विषेष ध्यान रखे बातो का ध्यान रखते हुऐ पूजन करना चाहिए सर्वप्रथम पूजन घर व मंदिर में स्वछता रखनी चाहिए सुबह ब्रह्राम्मुहूर्त में उठना एवं दिन में पूजन की तैयारियां करना घर में बंधनबार लगाना गौ के गोबर से पूजन घरा का लेपन करना फिर एक साफ चोकी (पटा) पर अष्टदल कमल बना कर उसपर कलष स्थापित करके दीपक प्रज्जवलित करके बालकृष्णलाल लड्डू गोपाल को झूला तैयार करके मंदिर में अपने अनुसार सजाबट करके ठीक 12 बजे अर्घ रात्री में श्रीबालकृष्णलाल का जन्मोत्सब मनाबे एवं बालकृष्णलाल का पंचामृत से अभीषेक करें और षोडषोपचार विधि से पूजन करें पूजन करने के बाद भगवान को माखन मिश्री का भोग लगावे और लड्डूगोपाल को झूला में बिठा कर झूला झुलाबे।

मेरे बालाजी सरकार, के तो रंग निराले (Mere Balaji Sarkar Ke To Rang Nirale Hai)

मेरे बालाजी सरकार,
के तो रंग निराले,

भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय महीना है मार्गशीर्ष, जानिए कैसे करें इस माह में उनकी पूजा

मार्गशीर्ष माह कब शुरू हो रहा है? ये श्रीकृष्ण की पूजा के लिए क्यों है खास? इस आलेख में जानें कार्तिक माह के बाद आने वाले मार्गशीर्ष के महत्व और लाभ।

तेरे नाम की धुन लागी (Tere Naam Ki Dhun Lagi)

तेरे नाम की धुन लागी,
मन है तेरा मतवाला,

हे जग त्राता विश्व विधाता(He Jag Trata Vishwa Vidhata)

हे जग त्राता विश्व विधाता,
हे सुख शांति निकेतन हे।

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