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गोवर्धन पूजा विधि (Govardhan Puja Vidhi)

>> सबसे पहले घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाएं। 


>> गोवर्धन पर्वत को फूलों से सजाए। 


>> भगवान गोवर्धन की नाभि में मिट्टी का दीपक रखें और उसे दूध, दही, शहद, बताशे, और गंगाजल से भरें।


 >> भगवान गोवर्धन को नैवेद्य और फल अर्पित करें। भगवान गोवर्धन की षोडश उपचार से पूजा करें। 


>> गोवर्धन पूजा की कथा पढ़ें ।

  

>> गोवर्धन की सात परिक्रमा करें। 


>> गाय, बैल, और दूसरे पशुओं को स्नान कराएं और उनकी पूजा करें। 

 

>> गायों को मिठाई खिलाएं और आरती उतारें। 


>> भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति रखकर धूप-दीप से आरती करें।


>> भोग लगाने के लिए अन्नकूट और 56 तरह के व्यंजन तैयार करें।

 

>> शहद, दही और चीनी से पंचामृत तैयार करें और चढ़ाएं। 


>> गोवर्धन महाराज की आरती करें और जयकारे लगाएं। 


इस प्रकार से पूजन करके घर के बड़ो का आशीर्वाद लें और इसके बाद सभी के साथ खुशी मनाएं। 


।। इति गोवर्धन पूजन विधि ।। 


गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी का संबंध

मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती का विशेष संबंध सनातन धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। मोक्षदा एकादशी, मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है।

मुझे दास बनाकर रख लेना भोलेनाथ तुम अपने चरणों में: शिव भजन (Mujhe Daas Bana Ke Rakh Lena Bholenath Tum Apne Charno Mein)

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Ganpati Ji Ganesh Nu Manaiye (गणपति जी गणेश नू मनाइये)

गणपति जी गणेश नू मनाइये,
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