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भूमिपूजन कैसे करें?

क्या आप भी ले रहे हैं नया घर, इस विधि से करें भूमि पूजन


हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की कृपा के बिना कोई भी शुभ काम सफल नहीं होता है इसलिए, घर बनाने से पहले भूमि पूजन करना बहुत जरूरी है। इस अनुष्ठान से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सुख-शांति आती है। जब भी हम कोई नया निर्माण कार्य शुरू करते हैं, तो उससे पहले भूमि पूजन का विधान होता है। ऐसा माना जाता है कि इस अनुष्ठान से भूमि पर मौजूद सभी प्रकार के दोष और नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाते हैं। यदि भूमि पर अनजाने में कोई गलती या पाप हुआ हो, तो भूमि पूजन से वह भी शुद्ध हो जाता है। आइए इस लेख में विस्तार से भूमि देवी और पूजन विधि के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

भूमि देवी की पूजा के सामग्री क्या है?


भूमि देवी को धरती माता के नाम से जाना जाता है। वे धरती की देवी हैं और इनकी पूजा करने से धरती की उर्वरता और समृद्धि बढ़ती है।

  • फूल
  • फल
  • पत्ते
  • धूप और दीपक
  • नारियल
  • चावल
  • कुमकुम
  • हल्दी
  • चंदन
  • गंगाजल
  • दूध
  • दही
  • घी
  • शहद
  • मिश्री
  • पान के पत्ते और सुपारी
  • कलश
  • लोटा
  • थाली
  • पूजा की चौकी

भूमि माता की पूजा किस विधि से करें? 


  • सबसे पहले सुबह स्नान करके पूजा स्थल पर जाएं। वहां साफ-सफाई करके गंगाजल छिड़कें। सभी पूजन सामग्री एकत्र करें।
  • ब्राह्मण को उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए।
  • पूजा करने वाला व्यक्ति को पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए।
  • गणेश जी की पूजा से शुरुआत करें। चांदी के नाग और कलश की पूजा करें। कलश में दूध, दही, घी, जल और मिट्टी भरकर मंत्रों का जाप करें। कलश में सिक्का और सुपारी डालें। कलश पर "श्री" लिखकर फूलों और नारियल से सजाएं।
  • कलश को ब्रह्मांड और विष्णु भगवान का प्रतीक मानकर पूजा करें।
  • पांच ईंटों पर "श्री" लिखकर गड्ढे में रखें।
  • शान कोण में आसन बिछाकर दीप और धूप जलाएं। मंत्रों का जाप करते हुए सभी कलशों की पूजा करें।
  • भूमि पूजा के लिए धूप और दीपक जलाएं।
  • अग्नि कोण यानी कि पूर्व-दक्षिण, नैऋत्य कोण यानी कि दक्षिण-पश्चिम, वायव्य कोण यानी कि पश्चिम-उत्तर और मध्य में स्थित कलशों की पूजा करें।
  • आखिर में "ॐ श्रीमन नारायण नारायण नारायण ॐ", "हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे, हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे" का जाप करें।

भूमि माता की पूजा करने के दौरान किन नियमों का पालन करें?


  • पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा का मुख रखें।
  • शनिवार, रविवार या मंगलवार के दिन भूमि पूजन नहीं करना चाहिए।
  • भूमि माता की पूजा शांत और पवित्र स्थान पर ही बैठकर करना चाहिए। 

भूमि माता की पूजा करने का महत्व


भूमि पूजा करने से भूमि माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। माना जाता है कि इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।  भूमि पूजन से भूमि से जुड़ी किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा या दोष दूर होते हैं। किसी भी नए निर्माण कार्य की शुरुआत में भूमि पूजन करना शुभ माना जाता है।



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