नवीनतम लेख

दिवाली पूजा विधि 2025

Diwali Puja Vidhi 2025: इस प्रकार करें दिवाली के दिन घर में पूजन, जानिए पूजा विधि और नियम 


दिवाली का दिन महालक्ष्मी का वरदान पाने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। दीपावली की रात सबसे अधिक अंधेरी होती है, और मान्यता है कि इस रात महालक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती हैं। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से पूरे वर्ष धन और समृद्धि प्राप्त होती है।

दीपावली के दिन किसी भी प्रकार की दरिद्रता को दूर किया जा सकता है। यह रात कल्याणकारी होती है, इसलिए दिवाली पर किए गए दिव्य उपायों से जीवन की हर परेशानी समाप्त हो सकती है। आइए, इस आर्टिकल में दिवाली पूजा विधि के बारे में विस्तार से जानते हैं।

इस प्रकार करें लक्ष्मी जी की पूजा


  • दिवाली पर लक्ष्मी पूजा से पहले पूरे घर की साफ-सफाई करें।
  • घर में गंगाजल का छिड़काव करें।
  • घर को अच्छे से सजाएं और मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं।
  • पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछाकर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
  • चौकी के पास जल से भरा कलश रखें।
  • माता लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा पर तिलक लगाएं और उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं।
  • दीपक जलाकर उन्हें जल, मौली, गुड़, हल्दी, चावल, फल, अबीर-गुलाल आदि अर्पित करें।
  • इसके बाद देवी सरस्वती, मां काली, श्री हरि और कुबेर देव की विधिपूर्वक पूजा करें।
  • महालक्ष्मी पूजा के बाद तिजोरी, बहीखाते और व्यापारिक उपकरणों की पूजा करें।
  • अंत में माता लक्ष्मी की आरती करें और उन्हें मिठाई का भोग अर्पित करें।
  • प्रसाद घर-परिवार के सभी सदस्यों में वितरित करें।

गणेश और मां लक्ष्मी के मंत्र


  • ॐ गं गणपतये नमः
  • ॐ श्रीं श्रीयै नमः
  • ॐ ह्रीं श्रीं कमले कमलालये नमः

पूजा के बाद इस प्रकार करें आरती


  • दिवाली पर मां लक्ष्मी की आरती अत्यंत शुभ और फलदायी मानी जाती है। माता लक्ष्मी की आरती 16 पंक्तियों में होती है। आरती के समय इन पंक्तियों का शुद्ध उच्चारण करें। ध्यान रखें कि आपका स्वर मध्यम होना चाहिए।
  • आरती के दौरान घंटी का प्रयोग नहीं किया जाता है।
  • आरती का दीपक शुद्ध घी से प्रज्वलित करें।
  • दीपों की संख्या 5, 9, 11 या 21 हो सकती है।
  • दीपों को घड़ी की सुइयों की दिशा में लयबद्ध रूप से घुमाएं।

महालक्ष्मी पूजन में ध्यान रखने योग्य बातें


  • मां लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करें।
  • काले, भूरे और नीले रंग के कपड़ों से परहेज करें।
  • दिवाली पर मां लक्ष्मी की उस प्रतिमा की पूजा करें जिसमें वह गुलाबी कमल के पुष्प पर विराजमान हों और उनके हाथों से धन बरसता हुआ दिखे।
  • मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प, विशेषकर कमल, अर्पित करना सर्वोत्तम होता है।
  • पूजा के लिए माता लक्ष्मी की नई मूर्ति स्थापित करें।
  • लक्ष्मी जी की स्थापना से पहले भगवान गणेश की स्थापना अवश्य करें।

मैं बेटा हूँ महाकाल का - भजन (Main Beta Hun Mahakal Ka)

दीवाना हूँ महाकाल का, उज्जैन के सरकार का,

हम आये है तेरे द्वार, गिरजा के ललना (Hum Aaye Hai Tere Dwar Girija Ke Lalna)

हम आये है तेरे द्वार,
गिरजा के ललना,

श्री रविदास चालीसा (Sri Ravidas Chalisa)

बन्दौ वीणा पाणि को , देहु आय मोहिं ज्ञान।
पाय बुद्धि रविदास को , करौं चरित्र बखान।

मेरे भोले बाबा जटाधारी शम्भू (Mere Bhole Baba Jatadhari Shambhu)

मेरे भोले बाबा जटाधारी शम्भू,
हे नीलकंठ त्रिपुरारी हे शम्भू ॥

यह भी जाने