धन्वंतरि की पूजा की सही विधि क्या है, इसे करने से मिलेगा आरोग्य का वरदान
भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद, चिकित्सा और स्वास्थ्य के देवता माने जाते हैं। उन्हें विशेष रूप से रोगों से मुक्ति और स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति के लिए पूजा जाता है। उनकी पूजा विशेष रूप से दीपावली के समय होती है, लेकिन कोई भी व्यक्ति किसी भी समय उनकी पूजा करके अपनी सेहत और सुख-समृद्धि की कामना कर सकता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब देवता और दानव अमृत प्राप्त करने के लिए समुद्र को मथ रहे थे, तब चौदह रत्नों में से एक के रूप में धन्वंतरि प्रकट हुए थे। उनके हाथ में अमृत का कलश था। अब ऐसे में धन्वंतरि देवता की पूजा किस विधि से करें और पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
चिकित्सा के देवता धन्वंतरि की पूजा के लिए सामग्री
- धन्वंतरि जी की मूर्ति
- चौकी
- लाल या पीला वस्त्र
- दीपक
- धूपबत्ती
- फूल
- फल
- मिठाई
- चावल
- कुमकुम
- हल्दी
- गंगाजल
- कौड़ी
- कलश
- सुपारी
- नया बर्तन
चिकित्सा के देवता धन्वंतरि की पूजा किस विधि से करें?
- सबसे पहले पूजा करने वाले स्थान को गंगाजल या शुद्ध जल से शुद्ध करें।
- एक साफ चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर धन्वंतरि जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- दीपक में घी या तेल डालकर जलाएं।
- जल का पात्र लेकर धन्वंतरि जी को अर्घ्य दें।
- फूलों की माला से धन्वंतरि जी को अर्पित करें।
- चावल, कुमकुम और रोली से तिलक लगाएं।
- भगवान धन्वंतरि के सामने धूप जलाएं।
- भगवान धन्वंतरि को मिठाई या फल का नैवेद्य अर्पित करें।
- धन्वंतरि मंत्र का जाप करें: "ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः"।
- भगवान धन्वंतरि की आरती करें।
चिकित्सा के देवता धन्वंतरि की पूजा का महत्व
धन्वंतरि को आरोग्यता का देवता माना जाता है। उनकी पूजा करने से रोगों से मुक्ति मिलती है और स्वस्थ जीवन की प्राप्ति होती है। धन्वंतरि की कृपा से लंबा और स्वस्थ जीवन प्राप्त होता है। यदि आप स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं और रोगों से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो धन्वंतरि की पूजा अवश्य करें।
चिकित्सा के देवता धन्वंतरि की पूजा करने के दौरान मंत्र जाप
- धन्वंतरि देवता की पूजा-अर्चना करने के दौरान मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें। इससे व्यक्ति को आरोग्य का आशीर्वाद मिल सकता है और अक्षय फलों की भी प्राप्ति हो सकती है।
- ॐ धन्वंतरये नमः
- ॐ तत् पुरुषाय विद्महे अमृता कलश हस्तय धीमहि तन्नो धन्वंतरिप्रचोदयात:
- ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये: अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः:
धन्वंतरि देवता की कथा पढ़ें
धन्वंतरि देवता आयुर्वेद के देवता माने जाते हैं और वे स्वास्थ्य, चिकित्सा और जीवन की रक्षा से संबंधित हैं। उनका संबंध आयुर्वेद से विशेष रूप से है, और उन्हें देवों के वैद्य के रूप में पूजा जाता है। उनकी पूजा स्वास्थ्य, समृद्धि और दीर्घायु की प्राप्ति के लिए की जाती है। धन्वंतरि की कथा "मणि मंथन" से जुड़ी हुई है, जो हिन्दू पुराणों में वर्णित हैं। यह कथा भगवान विष्णु के समय की है, जब देवता और राक्षसों के बीच अमृत को लेकर एक संघर्ष हुआ था।
देवताओं और राक्षसों को अमृत प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन करना पड़ा। समुद्र मंथन के दौरान, देवता और राक्षसों ने मिलकर मंथन किया और बहुत सारी चीजें बाहर निकलीं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण अमृत कलश था। समुद्र मंथन से धन्वंतरि देवता एक दिव्य पात्र के साथ प्रकट हुए, जिसमें अमृत के अलावा अन्य कई आयुर्वेदिक औषधियाँ और चिकित्सा विज्ञान से संबंधित ज्ञान भी था। धन्वंतरि के साथ जो औषधियाँ आईं, उनसे देवताओं ने रोगों का निवारण किया।