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चंद्रदेव की पूजा किस विधि से करें?

इस विधि से करें चंद्रदेव की पूजा, इससे दूर होंगी मानसिक परेशानियां


हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने दो पक्ष होते हैं । पहला कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। प्रत्येक पक्ष की अवधि 15 दिन की होती है। कृष्ण पक्ष का अंत अमावस्या के साथ होता है, जबकि शुक्ल पक्ष का समापन पूर्णिमा के साथ होता है। पूर्णिमा के साथ ही नए महीने की शुरुआत होती है। एक वर्ष में 12 पूर्णिमा होती हैं। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा प्रकाश से भरी होती है और इस दिन चंद्र देव की पूजा का विशेष महत्व है।
मान्यता है कि पूर्णिमा की रात को चंद्र देव अमृत की वर्षा करते हैं और चंद्रमा की किरणें अमृत से ओत-प्रोत होती हैं। इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से स्वास्थ्य, धन-धान्य और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। आइए ज्योतिषाचार्य त्रिपाठी जी से जानते हैं कि चंद्रमा की पूजा किस विधि से करें और पूजा का धार्मिक महत्व क्या है।

चंद्रदेव की पूजा किस विधि से करें? 


चंद्रदेव को मन का कारक माना जाता है। उनकी पूजा करने से मन शांत होता है और जीवन में शांति और समृद्धि आती है। इंद्रदेव की पूजा करने के लिए विधि के बारे में जानते हैं। 

  • पूजा स्थल तैयार करें - एक साफ जगह पर चंद्रदेव की मूर्ति या चित्र स्थाआखिपित करें। आसन बिछाकर उस पर बैठ जाएं।
  • शरीर को शुद्ध करें - स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • मूर्ति को धोएं - चंद्रदेव की मूर्ति को गंगाजल या शुद्ध जल से धोकर पवित्र करें।
  • चंदन का तिलक लगाएं - मूर्ति पर सफेद चंदन का तिलक लगाएं।
  • फूल अर्पित करें - चंद्रदेव को सफेद फूल चढ़ाएं।
  • दीपक जलाएं - दीपक जलाकर चंद्रदेव की आरती करें। 
  • नैवेद्य अर्पित करें - चंद्रदेव को खीर, दूध और फल चढ़ाएं।
  • मंत्र जाप करें - चंद्र देव की पूजा करने के दौरान इन मंत्रों का जाप करें। 
  • ॐ सोमाय नमः मंत्र का जाप करें।
  • चंद्रदेव से मन की शांति और सुख-समृद्धि की कामना करें।
  • आरती - आखिर में चंद्रदेव की आरती करें। 

चंद्रदेव की पूजा किस दिन करना चाहिए। 


सोमवार के दिन चंद्रदेव का दिन माना जाता है। इस दिन उनकी पूजा करने से विशेष फल मिलता है। साथ ही सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। 

चंद्रदेव की पूजा करने के नियम क्या हैं? 


  • पूजा करते समय शरीर और मन दोनों को शुद्ध रखना चाहिए।
  • पूजा के लिए शुद्ध जल, सफेद फूल, सफेद चंदन, दूध, दही, घी, चावल, रोली, अक्षत, दीपक, धूप और नैवेद्य का ही उपयोग करें।
  • चंद्रदेव को उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना शुभ माना जाता है।
  • चंद्रदेव को सफेद रंग बहुत प्रिय है, इसलिए सफेद वस्त्र और सफेद फूल चढ़ाएं।
  •  चंद्रमा को जल से संबंध है, इसलिए उन्हें जल अर्पित करना शुभ होता है।

चंद्रदेव की पूजा करने का महत्व क्या है? 


इंद्रदेव की पूजा करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। चंद्रदेव की पूजा करने मानसिक शांति मिलती है और सभी रोगों से छुटकारा मिल जाता है। इंद्रदेव की पूजा करने से व्यक्ति को कभी भी जीवन में आकस्मिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। वहीं चंद्रमा को हृदय का कारक माना जाता है। जो प्रेम विवाह के कारक भी हैं। इसलिए इंद्रदेव की पूजा विधि-विधान के साथ करें। 


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