बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा कैसे करें, पूजा विधि के साथ जानें पूजन सामग्री और मंत्र-नियम भी
हिंदू धर्म में बुधवार का दिन विशेष रूप से भगवान गणेश को समर्पित है। गणेश जी को विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माना जाता है, और बुधवार को उनका पूजन विशेष फलदायी माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से गणेश जी की पूजा करके लोग अपने कार्यों में सफलता और समृद्धि की कामना करते हैं। वहीं, कुछ लोग इस दिन व्रत रहकर ध्यान और साधना करते हैं, ताकि उनका जीवन समृद्ध और सुखमय हो। इसके अलावा, बुधवार का दिन बुध ग्रह से भी जुड़ा हुआ है, जो ज्योतिष में व्यापार, बुद्धि, और संचार का प्रतीक माना जाता है। अब ऐसे में बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा किस विधि से करने से लाभ हो सकता है और पूजन सामग्री क्या है। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए सामग्री
बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा की पूजा के लिए सामग्री के बारे में विस्तार से जान लें।
- भगवान गणेश की प्रतिमा
- बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए सामग्री इस प्रकार है:
- लाल फूल
- दूर्वा
- मोदक
- लाल चन्दन
- धूप
- दीप
- अक्षत
- रोली
- मौली
- पान
- सुपारी
- लौंग
- इलायची
- फल
- पंचामृत
बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा किस विधि से करें?
- बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करने के लिए प्रात: काल उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
- बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना गया है।
- पूर्व या उत्तर की दिशा का तरफ मुख करके बैठें और फिर पूजा शुरू करें।
- भगवान गणेश को दीप, फूल, कपूर, धूप, रोली, लाल चंदन और मोदक आदि चढ़ाएं।
- भगवान गणेश को दूर्वा यानी दूब जरूर चढ़ाएं।
- पूजा करने के दौरान गणेश मंत्र का जाप करें।
- इस दिन गणेश चालीसा का पाठ करें।
- भगवान गणेश को मोदक का भोग जरूर लगाएं।
- आखिर में भगवान गणेश की आरती जरूर करें।
बुधवार के दिन भगवान गणेश के मंत्रों का करें जाप
- ऊं गं गणपतये नमः
- ऊं श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
- ऊं एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्।
- ऊं नमो सिद्धि विनायकाय सर्व कार्य कर्त्रे सर्व विघ्न प्रशमनाय सर्व राज्य वश्यकरणाय सर्वजन सर्वस्त्री पुरुष आकर्षणाय श्रीं ॐ स्वाहा ॥
- महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
- गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
- ऊं ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।
- ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश ।।
- श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा।
- निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
- ऊं शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए नियम क्या हैं?
- यदि आप व्रत करना चाहते हैं तो संकल्प लें कि आप पूरे श्रद्धा भाव से पूजा करें।
- यदि आप व्रत रख रहे हैं, तो दिनभर केवल एक समय भोजन करें और इसे सात्विक भोजन रखें। अधिक से अधिक फल, पानी और विशेष रूप से मीठे पदार्थों का सेवन करें।
- भगवान गणेश की पूजा में हरे रंग के वस्त्र पहनें।
- भगवान गणेश की पूजा में दूर्वा जरूर चढ़ाएं और मोदक का भोग अवश्य लगाएं।
भगवान गणेश की पूजा का महत्व क्या है?
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता अर्थात सभी तरह की परेशानियों को खत्म करने वाला माना जाता है। प्रत्येक बुधवार के शुभ दिन गणेशजी की उपासना से व्यक्ति का सुख-सौभाग्य बढ़ता है और उसके जीवन से सभी तरह की रुकावटें दूर होती हैं। शास्त्रों में भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता अर्थात सभी तरह की परेशानियों को खत्म करने वाला बताया गया है। बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर होती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। बुधवार को गणेश पूजा करने से विशेष रूप से मानसिक शांति, आर्थिक समृद्धि और विघ्नों से मुक्ति मिलती है।