नवीनतम लेख

बुधदेव की पूजा किस विधि से करें?

बुधवार के दिन करें बुधदेव की पूजा, व्यापार में मिल सकते हैं शुभ परिणाम


ज्योतिष शास्त्र में बुधदेव को सभी ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है और इन्हें ज्ञान, वाणी, बुद्धि और व्यापार का कारक माना जाता है। अगर किसी जातक की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर हो तो व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बुध ग्रह को प्रसन्न करने के लिए बुधवार का दिन विशेष माना जाता है। इस दिन बुधदेव की पूजा करने से बुध ग्रह मजबूत होता है और व्यक्ति को कई लाभ मिल सकते हैं। अगर आपको व्यापार में बार-बार कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है, तो बुधदेव की पूजा विधि-विधान के साथ करने से लाभ हो सकती है। अब ऐसे में आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित त्रिपाठी जी से विस्तार से जानते हैं कि बुधदेव की पूजा किस विधि से करें और पूजा का महत्व क्या है। 


बुधदेव की पूजा के लिए सामग्री क्या है?


  • बुधदेव की धातु या पत्थर की मूर्ति 
  • अक्षत
  • कुमकुम
  • रोली
  • हल्दी
  • फूल
  • धूप
  • दीपक
  • नैवेद्य
  • गंगाजल
  • कलावा
  • हवन सामग्री
  • स्फटिक और रुद्राक्ष की माला 


बुधदेव की पूजा किस विधि स करें? 


बुधदेव देव की पूजा करने से व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इसलिए इनकी पूजा विधिवत रूप से करें। 

  • शुद्धिकरण- सबसे पहले पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
  • मूर्ति स्थापना - बुधदेव की मूर्ति या चित्र को किसी साफ चौकी पर स्थापित करें।
  • अर्घ्य - बुधदेव को जल अर्पित करें।
  • धूप-दीप - बुधदेव की पूजा धूप और दीपक जलाकर करें। 
  • चंदन-रोली - मूर्ति पर चंदन का तिलक लगाएं और रोली से तिलक लगाएं।
  • फूल-फल - बुधदेव को पीले रंग के फूल और हरे रंग के फल अर्पित करें।
  • अक्षत - बुधदेव को चावल अर्पित करें।
  • मंत्र जाप - बुधदेव के मंत्रों का जाप करें। 
  • ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नमः
  • ॐ नमः बुधाय
  • आरती - बुधदेवी की पूजा करने के बाद आरती करें। 


बुधदेव की पूजा करने के नियम


  • बुधदेव की पूजा बुधवार के दिन करने से विशेष फल मिलता है। यह पूजा बुध ग्रह को शांत करने और उसके शुभ प्रभाव प्राप्त करने के लिए की जाती है।
  • बुधदेव की पूजा करने के बाद स्फटिक की माला से जाप करें। 
  • आप बुधदेव को तुलसी के पत्ते भी चढ़ा सकते हैं।
  • बुधवार के दिन हरी सब्जियां और फल का सेवन करें।
  • आप अपनी सुविधानुसार सुबह या शाम के समय पूजा कर सकते हैं।
  • यदि आपकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है तो आप नियमित रूप से बुधदेव की पूजा कर सकते हैं।


बुधदेव की पूजा करने का महत्व क्या है? 


बुधदेव को बुद्धि का देवता माना जाता है। उनकी पूजा करने से व्यक्ति की बुद्धि तेज होती है। बुधदेव वाणी के देवता भी हैं। उनकी पूजा करने से व्यक्ति की वाणी में मधुरता आती है। बुधदेव व्यापार के देवता भी हैं। उनकी पूजा करने से व्यापार में वृद्धि होती है और लाभ होता है। बुधदेव शिक्षा के देवता भी हैं। उनकी पूजा करने से छात्रों को सफलता मिल सकती है। अगर आपका काम बनते-बनते बिगड़ जाता है, तो बुधदेव की पूजा करने के दौरान उन्हें पान के पत्ते जरूर चढ़ाएं। 


चोला माटी के हे राम (Chola Maati Ke Hai Ram)

चोला माटी के हे राम,
एकर का भरोसा,

ओढ़ के चुनरिया लाल, मैया जी मेरे घर आना (Odh Ke Chunariya Lal Maiya Ji Mere Ghar Aana)

ओढ़ के चुनरिया लाल,
मैया जी मेरे घर आना,

मां ज्वाला देवी की कथा

मां भगवती के 51 शक्तिपीठों में से एक, ज्वालामुखी मंदिर, अपनी अनूठी विशेषता के लिए प्रसिद्ध है। इसे 'जोता वाली मंदिर' के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता सती के शरीर के टुकड़े जहां-जहां गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ स्थापित हुए।

मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकले (Meri Rasna Se Prabhu Tera Naam Nikle)

मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकले,
हर घड़ी हर पल राम राम निकले ॥