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इस दिन मनाई जाएगी भानू सप्तमी, जानिए इस दिन कैसे करें सूर्य की पूजा 


हिंदू धर्म में सूर्य उपासना को अत्यधिक महत्व दिया गया है। सूर्य देव को ऊर्जा, जीवन और स्वास्थ्य का कारक माना जाता है। उनके आशीर्वाद से न केवल ग्रहों की अनुकूलता प्राप्त होती है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता का भी आगमन होता है। भानु सप्तमी का दिन सूर्य देव की पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान सूर्य की विशेष आराधना, व्रत और पूजा करने से भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं।


भानु सप्तमी पर्व का महत्व


भानु सप्तमी का संबंध भगवान सूर्य से है, इन्हें ग्रहों का राजा भी कहा जाता है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में तेज, ऊर्जा और सकारात्मकता आती है। इस दिन व्रत और पूजा करने से न केवल स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि जीवन के अन्य क्षेत्रों जैसे करियर, परिवार और समाज में भी सफलता प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भानु सप्तमी के दिन सूर्य देवता को अर्घ्य देने और विशेष मंत्रों का जाप करने से पापों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस माह भानु सप्तमी 08 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी।


भानु सप्तमी पूजा विधि


सूर्य देव की पूजा विधि सरल और प्रभावी है। इसे सही ढंग से करने से भक्तों को अत्यंत शुभ फल की प्राप्ति होती है।


  1. स्नान और शुद्धि: भानु सप्तमी के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। स्नान के बाद पवित्र जल में गंगा जल मिलाकर पूरे घर का छिड़काव करें।
  2. सूर्य देव को अर्घ्य दें: तांबे के लोटे में साफ जल भरें और उसमें लाल फूल, गुड़, चावल और लाल चंदन डालें। सूर्योदय के समय पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्य देव को अर्घ्य दें।
  3. पूजा स्थल की स्थापना: एक साफ और पवित्र स्थान पर सूर्य देव की प्रतिमा या उनका चित्र स्थापित करें। दीपक जलाएं और कुमकुम, चावल, लाल फूल, और गुड़ से पूजा करें।
  4. भोग अर्पित करें: सूर्य देव को गुड़ से बने मालपुए, गुड़-चावल और गुड़ की मिठाई का भोग लगाएं। भोग अर्पण के बाद इसे परिवार के साथ साझा करें।
  5. मंत्र जाप करें: सूर्य पूजा के दौरान निम्नलिखित मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

    -
    ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:

           ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।

           - ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर।


भानु सप्तमी व्रत का नियम


  1. भानु सप्तमी के दिन व्रत का पालन करने से भगवान सूर्य की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  2. इस दिन फलाहार करें और सात्विक भोजन ग्रहण करें।
  3. सूर्य देव के सामने अपने संकल्प को दोहराएं।
  4. सूर्य मंत्रों का अधिक से अधिक जाप करें।


भानु सप्तमी का भोग


भोग सूर्य पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस दिन गुड़ से बने मालपुए, गुड़-चावल और गुड़ की अन्य मिठाइयों का भोग लगाने का विशेष महत्व है। यह न केवल सूर्य देव को प्रसन्न करता है बल्कि परिवार में सुख-शांति भी लाता है।


भानु सप्तमी के लाभ


  1. स्वास्थ्य: सूर्य पूजा करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  2. समृद्धि: व्रत और पूजा से आर्थिक स्थिति बेहतर होती है।
  3. करियर में सफलता: सूर्य देव की कृपा से करियर में उन्नति होती है।
  4. ग्रहों की अनुकूलता: सूर्य पूजा से ग्रह दोष दूर होते हैं।
  5. आत्मविश्वास: सूर्य उपासना से व्यक्ति का आत्मविश्वास और तेज बढ़ता है।


अत्यंत शुभ है ये दिन 


भानु सप्तमी का दिन सूर्य देव की पूजा और उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन सही विधि से पूजा और व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। 


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