नवीनतम लेख

श्री अनंत वासुदेव मंदिर, भुवनेश्वर, ओडिशा (Sri Anantha Vasudev Temple, Bhubaneswar, Odisha)


image

दर्शन समय

6:30 AM - 7 PM

अपनी रसोई के लिए मशहूर है अनंत वासुदेव का मंदिर, पहले भगवान विष्णु की होती थी पूजा 


अनंत वासुदेव मंदिर ओडिशा के सबसे पुराने और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। भुवनेश्वर में स्थित ये मंदिर बिंदु सरोवर और लिंगराज मंदिर के करीब है। मंदिर में पूजे जाने वाले देवता भगवान वासुदेव (कृष्ण), भगवान अनंत (बलराम) और देवी सुभद्रा है। 


मंदिर का एक मुख्य आकर्षण इसकी रसोई है, जहां महाप्रसाद जिसे अभादा के नाम से जाना जाता है। इसे मिट्टी के बर्तनों में जलाऊ लकड़ी और मिट्टी के चूल्हे का उपयोग करके तैयार किया जाता है। मंदिर का यह पवित्र भोजन सबसे पहले देवताओं को परोसा जाता है और फिर मंदिर से सटे बाजार में भक्तों को परोसा जाता है। पूरा माहौल पुरी जगन्नाथ मंदिर के आनंद बाजार जैसा ही है। 


13वीं शताब्दी में हुआ निर्माण


पूर्वी गंगा राजवंश की रानी चंद्रिका देवी ने 13वीं शताब्दी में अनंत वासुदेव मंदिर की निर्माण करवाया था। हालांकि, ऐसा माना जाता है कि मंदिर के निर्माण से पहले उसी स्थान पर भगवान विष्णु की मूर्ति की पूजा की जाती थी। 17वीं शताब्दी के अंत में, मराठों ने मंदिर का जीर्णोद्धार किया।


नक्काशीदार शिखर, ग्रेनाइट की मूर्तियां 


इस मंदिर की वास्तुकला लिंगराज मंदिर जैसी दिखती है और इसमें वैष्णव मूर्तियां हैं। इसमें नक्काशीदार शिखर हैं। मंदिर में जगमोहन, नट मंदिर और भोग मंडप के तीन कक्ष हैं। मंदिर की दीवार पर एक छवि भगवान विष्णु के वराह अवतार की संरचना है। यहां देवताओं की मूर्तियां लकड़ी की बजाय काले ग्रेनाइट पत्थर से बनी है, जैसा कि पुरी मंदिर में देखा जाता है। 


बलराम सात फन वाले नाग के नीचे खड़े है और सुभद्रा अपने दोनों हाथों में रत्न कलश और कमल पकड़े हुए हैं और अपना बायां पैर दूसरे रत्न कशल पर रखे हुए हैं, जबकि कृष्ण गदा, चक्र, कमल और शंख पकड़े हुए हैं। अनंत वासुदेव मंदिर में दर्शन करते समय मुख्य गर्भगृह में कैमरा ले जाना वर्जित है।


मंदिर के त्यौहार


अनंत वासुदेव मंदिर के लिए जन्माष्टमी सबसे शुभ दिन माना जाता है। भगवान कृष्ण की पूजा के लिए हजारों भक्त मंदिर आते हैं। भक्त भगवान कृष्ण को मिठाई, मक्खन, दूध, दही, धूप, नए कपड़े और फूल चढ़ाते हैं।


अनंत वासुदेव कैसे पहुंचे


हवाई मार्ग - अनंत वासुदेव मंदिर जाने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो कि मंदिर से 4 किमी दूर है। यहां से आप टैक्सी के द्वारा मंदिर पहुंच सकते हैं।


रेल मार्ग - अनंत वासुदेव मंदिर जाने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन है जो मंदिर से लगभग 4.2 किमी दूर हैं। यहां से आप रिक्शा या ऑटो के द्वारा मंदिर जा सकते हैं।


सड़क मार्ग - भुवनेश्वर देश के सभी प्रमुख मार्गों से जुड़ा हुआ है। यहां आप आसानी से सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं।


मंदिर का समय - सुबह 6.30 बजे से शाम 7 बजे तक।


डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।