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छठ मंत्र (Chhath Mantra)

ॐ ह्रीं षष्ठीदेव्यै स्वाहा 

 

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।

 

ॐ सूर्याय नम:।

 

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।

 

ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।

 

ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।

 

ॐ घृणि सूर्याय नम:।

 

 ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:


कांवड़ सजा के चालो, सावन ऋतू है आई (Kanwar Saja Ke Chalo Sawan Ritu Hai Aayi)

कांवड़ सजा के चालो,
सावन ऋतू है आई,

सब रस रंग भरे है, रामायण जी में (Sab Ras Rang Bhare Hain Ramayan Ji Mein)

सब रस रंग भरे है,
रामायण जी में,

होरी खेली न जाय (Hori Kheli Na Jaay)

नैनन में पिचकारी दई,
मोय गारी दई,

ये मेरी अर्जी है: भजन (Ye Meri Arzi Hai)

ये मेरी अर्जी है,
मै वैसी बन जाऊँ,

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