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श्री साईं बाबा संस्थान मंदिर का महत्व साईं बाबा को एक रहस्यमय फकीर के रूप में माना जाता है जो एक युवा व्यक्ति के रूप में शिरडी में प्रकट हुए थे और उन्होंने अपना पूरा जीवन उसी गांव में बिताया था। उन्होंने कहा कि उनका मिशन बिना किसी भेदभाव के उन सभी को आशीर्वाद देना है जो उनकी मदद चाहते हैं।
यह व्यापक रूप से माना जाता है कि उन्होंने वास्तव में कई तरीकों से कई जिंदगियों को बदल दिया: उन्होंने बीमारों को ठीक किया, लोगों की जान बचाई, असहायों की रक्षा की, जोड़ों को संतान प्रदान की, असंख्य दुर्घटनाओं को रोका, लोगों को उनके आंतरिक आत्म के साथ-साथ सद्भाव और शांति में लाया। दूसरों के साथ, उनके वित्तीय लाभ में मदद की, और लोगों को आध्यात्मिक रूप से विकसित होने और बदलने में भी मदद की। भक्त इस फकीर को महज बाबा नहीं मानते; इसके बजाय, उन्हें स्वयं भगवान माना जाता है, और यह माना जाता है कि वह आज तक भी लोगों के जीवन को बदलना और सुधारना जारी रखते हैं, जो उन लोगों की मदद करते हैं जो आपातकाल के समय में उनसे प्रार्थना करते हैं और उन्हें बुलाते हैं।
यही कारण है कि देश के सभी हिस्सों से लोग बड़ी संख्या में श्री साईं बाबा संस्थान मंदिर में साईं बाबा को श्रद्धांजलि देने और उनकी मृत्यु के बाद उनकी कब्र से भी, यहां तक कि जरूरतमंद भक्तों की मदद करना बंद न करने के उनके वादे का अनुभव करने के लिए आते हैं।
मंदिर के परिसर में द्वारकामाई, समाधिस्थल, गुरुस्थान, चावडी, नीम वृक्ष, खंडोबा मंदिर, लेंडी बाग़ और संग्रहालय के अलावा कई छोटे-छोटे मंदिर स्थित हैं। ये सभी स्थान बाबा के जीवन से किसी न किसी तरह जुड़े हैं-
द्वारकामाई - Dwarkamai
कहा जाता है कि शिरडी आने के बाद बाबा ने द्वारकामाई में निवास किया था और यहीं अपनी अंतिम सांस ली थी।
समाधिस्थल - Samadhisthal
समाधिस्थल या मंदिर का मुख्य कक्ष जहाँ समाधि के बाद बाबा के पार्थिव शरीर को दफनाया गया था।
गुरुस्थान - Gurusthan
गुरुस्थान अर्थात गुरु का स्थान (Place of the Guru), मंदिर में नीम पेड़ के नीचे के इस हिस्से में साईं बाबा ने अधिकतर समय बिताया था और साईं बाबा इस जगह को अपने गुरु का स्थान भी कहा करते थे।
चावडी - Chawadi
ऐसा माना जाता है कि बाबा कभी सोते नहीं थे और अपने अनुयायियों को कहा करते थे कि वे अपने सोते हुए भक्तों की रक्षा करने लिए जागते हैं लेकिन अपने जीवन के अंतिम अस्वस्थ दिनों में बाबा कभी-कभी यहाँ सोया करते थे।
खंडोबा मंदिर - Khandoba Temple
यह मंदिर शिरडी की दो महत्वपूर्ण घटनाओं से संबंधित है, पहला यह कि साईं बाबा शिरडी में सबसे पहले इसी स्थान पर आये थे और दूसरा यहाँ बाबा को उनका नाम "साईं" मिला था। साईं बाबा एक विवाह समोराह में आमंत्रित थे जो इस मंदिर में हो रहा था, उन्हें देखकर मंदिर के पुजारी "म्हालसापति (Mhalsapati)" ने उन्हें "आओ साईं" कहकर संबोधित किया जिसके बाद से दुनियाभर में बाबा को इसी नाम से पूजा जाने लगा।
मंदिर के मुख्य भवन (समाधिस्थल) में बाबा की सफ़ेद संगमरमर की कब्र और सजीव प्रतीत होती आकर्षक प्रतिमा स्थापित है, जो इटालियन मार्बल से बनी है। सदैव एक रंगीन चादर से ढकी बाबा की कब्र के चारों ओर रेलिंग लगी है।
साईं बाबा के इस भव्य मंदिर में रोजाना करीब 25 हज़ार श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने आते हैं और त्यौहार के समय में ये संख्या लगभग 1 लाख तक पहुँच जाती है।
श्रीसाईं बाबा मंदिर में पूजा की विधि अनेक रूपों में व्यक्त हो सकती है, लेकिन यहाँ कुछ सामान्य चरण हैं जो लोगों द्वारा अनुसरण किए जाते हैं:
दर्शन: पहले भक्त श्रीसाईं बाबा की मूर्ति को देखते हैं और आदर अर्पित करते हैं।
श्रद्धांजलि: भक्त अपनी श्रद्धांजलि का अर्पण करते हैं।
आरती: आरती का पाठ किया जाता है, जिसमें भक्त भगवान के गुणों की प्रशंसा करते हैं और उनका स्तवन करते हैं।
प्रसाद: भक्तों को प्रसाद भी दिया जाता है, जो आमतौर पर चवन्नी और मिश्रण होता है।
इन चरणों को अनुसरण करते समय, भक्त अपनी भक्ति और श्रद्धा को व्यक्त करते हैं और श्रीसाईं बाबा के आशीर्वाद की कामना करते हैं।
श्रीसाईं बाबा मंदिर, शिरडी एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है जो भारत के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। यहां जाने के लिए कई परिवहन सुविधाएं हैं।
हवाई मार्ग: शिरडी के पास अपना हवाई अड्डा है (शिरडी हवाई अड्डा), जिससे आप हवाई मार्ग के माध्यम से यहां पहुंच सकते हैं।
रेलवे स्टेशन: शिरडी के पास साइनगर रेलवे स्टेशन है, जिससे आप ट्रेन के माध्यम से यहां पहुंच सकते हैं।
बस सेवा: शिरडी के आस-पास विभिन्न शहरों से नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं। इससे यात्रा करना सरल और सुविधाजनक हो जाता है।
टैक्सी/कार सेवा: स्थानीय टैक्सी और कार सेवाएं भी उपलब्ध हैं, जो यात्रियों को मंदिर तक पहुंचने में मदद करती हैं।
यह सभी परिवहन सुविधाएं यात्रा को सुखद और सुव्यवस्थित बनाती हैं, जिससे श्रद्धालुओं को अपने धार्मिक यात्रा का आनंद लेने में सहायक होता है।
श्रीसाईं बाबा मंदिर, शिरडी, महाराष्ट्र के आस-पास कुछ होटल और गेस्ट हाउस की सूची निम्नलिखित है
श्रीसाईं बाबा मंदिर, शिरडी के आस-पास कुछ अच्छे होटल और गेस्ट हाउस हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए अच्छी सुविधा और रहने के विकल्प प्रदान करते हैं। ये हैं कुछ उल्लेखनीय विकल्प:
साई प्रिमियर अवन: यह होटल श्रीसाईं बाबा मंदिर से सिर्फ़ कुछ मीटर दूर है और शानदार सुविधाओं के साथ आरामदायक कमरे प्रदान करता है।
होटल श्रीकृष्ण आईलैंड: यह गेस्ट हाउस भी मंदिर के पास स्थित है और यात्रियों को अच्छी रहने की सुविधा प्रदान करता है।
होटल श्रीसाई आंगन: यह होटल भी मंदिर के नजदीक स्थित है और श्रद्धालुओं को अच्छे सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करता है।
श्रीसाईं पथिक निवास: यह एक अच्छा और साफ-सुथरा गेस्ट हाउस है जो मंदिर के पास स्थित है और यात्रियों को शांतिपूर्ण माहौल में रहने की सुविधा प्रदान करता है।
होटल श्री लीला: यह होटल भी मंदिर के पास है और यात्रियों को अच्छे सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करता है।
होटल साईं परव: यह भी एक प्रमुख विकल्प है जो मंदिर के नजदीक स्थित है और यात्रियों को अच्छे सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करता है।
होटल साईं विमल: यह होटल भी आरामदायक और सुरक्षित माहौल के साथ यात्रियों को अच्छे सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करता है।
श्री बाबा भक्त निवास: यह गेस्ट हाउस भी एक अच्छा विकल्प है जो मंदिर के पास स्थित है और यात्रियों को अच्छे सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करता है।
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