नवीनतम लेख

मंगलवार व्रत कथा और महत्व

क्यों रखा जाता है मंगलवार के दिन व्रत? जानिए इसके पीछे की कथा और महत्व


सनातन हिंदू धर्म में हनुमान जी को पराक्रम, साहस और भक्ति का देवता माना गया है। इनकी पूजा हेतु मंगलवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दिन किए गए पूजन और व्रत से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। भगवान शंकर के ग्यारहवें अवतार कहे जाने वाले हनुमान जी का व्रत और पूजन करने से हर कामना पूर्ण होती है। तो आइए, इस लेख में मंगलवार व्रत के महत्व और इसके पीछे की पौराणिक कथा के बारे में विस्तार से जानते हैं।


आज भी पृथ्वी पर मौजूद हैं हनुमान


कहा जाता है कि भगवान हनुमान आज भी सशरीर पृथ्वी पर उपस्थित हैं। इस तथ्य की पुष्टि गोस्वामी तुलसीदास जी की इस चौपाई से होती है:

“चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा।”

इसका अर्थ है कि सभी देवताओं में हनुमान जी एकमात्र ऐसे देवता हैं, जो हर युग में किसी न किसी रूप में संकटमोचक बनकर इस पृथ्वी पर उपस्थित रहते हैं।


मंगलवार व्रत कथा


प्राचीन समय में एक नगर में एक ब्राह्मण दंपत्ति निवास करते थे। उनके कोई संतान नहीं थी, जिसके कारण वे अत्यंत दुखी थे। ब्राह्मण हर मंगलवार को वन में जाकर हनुमान जी की पूजा करता और पुत्र प्राप्ति की कामना करता। उसकी पत्नी भी मंगलवार का व्रत रखती थी और व्रत के अंत में हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन करती थी।

एक दिन व्रत के दौरान ब्राह्मणी भोग हेतु भोजन तैयार नहीं कर सकी। उसने प्रण किया कि अगले मंगलवार को हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन करेगी। वह छह दिन तक भूखी-प्यासी पड़ी रही। सातवें दिन मंगलवार को वह बेहोश हो गई। उसकी श्रद्धा और भक्ति देखकर हनुमान जी प्रसन्न हुए। उन्होंने आशीर्वाद स्वरूप उसे एक पुत्र रत्न दिया और कहा, "यह तुम्हारी सेवा करेगा।"

बालक को पाकर ब्राह्मणी अत्यंत प्रसन्न हुई और उसका नाम मंगल रखा। कुछ समय बाद ब्राह्मण घर लौटा तो उसने बालक को देखा और पूछा कि यह कौन है। ब्राह्मणी ने उसे बताया कि यह हनुमान जी का आशीर्वाद है। ब्राह्मण को विश्वास नहीं हुआ और उसने एक दिन मौका पाकर बालक को कुएं में फेंक दिया।

घर लौटने पर जब ब्राह्मणी ने बालक के बारे में पूछा, तो पीछे से मंगल मुस्कुराता हुआ आ गया। यह देख ब्राह्मण चौंक गया। उसी रात हनुमान जी ने ब्राह्मण को स्वप्न में दर्शन दिए और कहा कि यह पुत्र उन्होंने ही दिया है। यह सत्य जानकर ब्राह्मण प्रसन्न हुआ और पति-पत्नी दोनों ने नियमित रूप से मंगलवार का व्रत करना शुरू कर दिया।


जानिए मंगलवार व्रत का महत्व


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मंगलवार का व्रत रखने से भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति भी मजबूत होती है। इस व्रत के शुभ प्रभाव से जीवन की सभी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं। सुख-समृद्धि, यश और संतान प्राप्ति के लिए भी यह व्रत अत्यंत शुभ माना गया है।

हनुमान जी से जुड़ी मंगलवार व्रत कथा का पाठ कर इस उपवास को पूरी श्रद्धा और नियम के साथ पूर्ण करना चाहिए।


स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम - शब्द कीर्तन (Swasa Di Mala Nal Simaran Main Tera Nam)

स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम,
तेरा नाम तेरा नाम तेरा नाम तेरा नाम,

भीष्म पितामह का अंतिम संस्कार

माघ मास में शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भीष्म द्वादशी कहते हैं। इसे तिल द्वादशी भी कहते हैं। भीष्म द्वादशी को माघ शुक्ल द्वादशी नाम से भी जाना जाता है।

तेरे दर पे ओ मेरी मईया(Tere Dar Pe O Meri Maiya)

तेरे दर पे ओ मेरी मईया,
तेरे दीवाने आए हैं,

प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो (Prabhuji More Avgun Chit Naa Dharo)

प्रभुजी मोरे/मेरे अवगुण चित ना धरो,
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो,

यह भी जाने