व्रत के दौरान फलाहार आपको देगा प्राकृतिक और आध्यात्मिक ऊर्जा, शामिल करें ये चीजें
भारतीय संस्कृति में व्रत और उपवास का विशेष महत्व है। व्रत के दौरान लोग धान, गेहूं और मसालेदार भोजन से परहेज करते हुए फलाहार करते हैं। इस अवधि में दूध, फल, मेवे जैसे प्राकृतिक और सात्विक आहार को प्राथमिकता दी जाती है। पर क्या आपने सोचा है कि व्रत में ये पदार्थ ही क्यों खाए जाते हैं? यह केवल धार्मिक नियम नहीं है बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक और आध्यात्मिक तर्क भी है। व्रत केवल देवी-देवताओं को प्रसन्न करने का माध्यम नहीं है। ये शरीर और मस्तिष्क को संतुलित और शुद्ध करने का प्रयास भी है। आइए, विस्तार से समझें।
व्रत में फलाहार का महत्व
- आत्मिक और शारीरिक शुद्धि का माध्यम: व्रत का उद्देश्य केवल पूजा-अर्चना करना नहीं, बल्कि शरीर को शारीरिक और मानसिक स्तर पर शुद्ध करना भी है। अनाज और मसालेदार भोजन को त्यागने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है।
- प्राकृतिक ऊर्जा का संचार: फल देने वाले पेड़ गर्मी और ठंड जैसी परिस्थितियों से जूझते हैं। यही कारण है कि उनमें प्रचुर ऊर्जा होती है। फलाहार के माध्यम से यह ऊर्जा शरीर में संचित होती है।
- शरीर के तंत्रों को विश्राम: व्रत के दौरान हल्के और सुपाच्य पदार्थ लेने से पाचन क्रिया को विश्राम मिलता है। यह विश्राम शरीर को पुनः ऊर्जावान और शुद्ध बनाता है।
- सात्विक आहार और अनुशासन: व्रत में दूध, फल, और मेवे जैसे सात्विक पदार्थ ग्रहण करना शारीरिक अनुशासन का प्रतीक है। यह आहार पोषण प्रदान करता है और मन को शांत और संयमित भी रखता है।
- आध्यात्मिक लाभ: व्रत के दौरान फल और दूध को ही प्राथमिकता दी जाती है। क्योंकि, ये पदार्थ भगवान को अर्पित किए जाते हैं। माना जाता है कि इससे मन ध्यान के योग्य बनता है।
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण समझिए
आयुर्वेद के अनुसार हमारा शरीर मुख्यतः वायु से संचालित होता है। व्रत के दौरान हल्का भोजन करने से मूलाधार से सहस्रार तक ऊर्जा का प्रवाह होता है। यह प्रक्रिया शारीरिक और मानसिक शुद्धि में सहायक होती है। व्रत में फलाहार से शरीर की ऊर्जा संरचना को संतुलित किया जाता है।
फल खाने के हैं कई लाभ
व्रत के दौरान फल खाने के विशेष लाभ हैं। चुकी, फलों में आपकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखने वाले कई तरह के विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सिडेंट और फ्लेवोनोइड्स के अलावा फाइबर की भी अच्छी मात्रा होती है। फल कब्ज को दूर करने में भी मदद करते हैं। फल खाने से मधुमेह से लेकर हृदय रोग जैसी कई बीमारियों से बचा जा सकता है। उपवास के दौरान कुछ फल दूसरे फलों की तुलना में अधिक उपयोगी होते हैं। जिनका सेवन करने पर शरीर में ऊर्जा के स्तर को अच्छा बनाए रखने में मदद मिलती है।
फलाहार में शामिल करें ये फल
- केला- व्रत के लिए यह फल आपकी ऊर्जा को बढ़ाकर भूख के अहसास को कम करता है। केला फाइबर, पोटेशियम और विटामिन बी के साथ- साथ कई एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत भी माना गया हैं।
- तरबूज- व्रत के दौरान तरबूज का सेवन बेहद फायदेमंद साबित होता है। तरबूज में 90 प्रतिशत पानी होता है जो डिहाइड्रेशन की समस्या से व्यक्ति का बचाव कर सकता है। यह फल ना सिर्फ आपकी बॉडी को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है बल्कि इसे खाने से पेट लंबे समय तक भरा हुआ भी रहता है।
- सेब- सेब उन फलों में से एक है, जिसमें फाइबर की अधिकता की होती है। यह पेट को भरा हुआ महसूस करवाते हैं। सेब आपके ब्लड लेवल को नियंत्रित रखने के साथ उपवास के दौरान कब्ज से भी बचाता है।
- स्ट्रॉबेरी- स्ट्रॉबेरी में 90% से अधिक पानी होने के साथ विटामिन सी और एंटीसायनिन प्रचूर मात्रा में होते हैं। ये व्यक्ति की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर सर्दी, फ्लू जैसे मौसमी संक्रमण से उसे दूर रखते हैं।
- संतरा- संतरा विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत माना गया है। जो शरीर को ऊर्जा देने के साथ इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाए रखने में मदद करता है। संतरे में मौजूद फाइबर मधुमेह के स्तर को नियंत्रण में रखने में मदद करता है।
जीवन के लिए तैयार करता है व्रत
व्रत में फलाहार केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं है। बल्कि, इसके पीछे गहरे वैज्ञानिक और आध्यात्मिक तर्क छिपे हैं। यह शरीर को विषमुक्त और ऊर्जावान बनाता है। साथ ही आत्मा को भी शुद्ध करता है। अनुशासन और समर्पण के साथ किया गया व्रत हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का संचार करता है। जो जीवन के संघर्षों का सामना करने के लिए हमें तैयार करती है।