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विद्यारंभ संस्कार शुभ मुहूर्त मार्च 2025

Feb 12 2025

March 2025 Vidyarambh Muhurat: मार्च में करना चाहते हैं बच्चे का विद्यारंभ संस्कार? यहां जानें शुभ मुहूर्त और नक्षत्र


एक बच्चे की शिक्षा यात्रा की शुरुआत एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होता है जो उसके भविष्य को आकार देता है। यह संस्कार भारतीय परंपरा में विशेष महत्व रखता है, जहां ज्योतिष के अनुसार ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति और शुभ योगों का ध्यान रखा जाता है ताकि बच्चे की शिक्षा और जीवन में सफलता के लिए सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो। बच्चे के जीवन में और भी कई महत्वपूर्ण संस्कार और अनुष्ठान होते हैं लेकिन विद्यारंभ संस्कार अपना अलग महत्व है। 


विद्यारंभ संस्कार बच्चे की शिक्षा यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है जो उसके भविष्य को आकार देता है। विद्यारंभ समारोह में बच्चे को पढ़ाई की शुरुआत करने के लिए प्रेरित किया जाता है। लेकिन इससे पहले कि वह अपनी शिक्षा यात्रा शुरू करे एक शुभ मुहूर्त का चयन किया जाना बहुत जरूरी होता है। बच्चे की कुंडली के आधार पर गणना की जाती है। ऐसे में इस लेख में हम आपको मार्च 2025 में विद्यारंभ के मुहूर्त के बारे में बताएंगे। 


मार्च 2025 के लिए विद्यारंभ मुहूर्त


  • 02 मार्च- सुबह  09:00 बजे से 06:25 बजे तक, रेवती नक्षत्र 
  • 03 मार्च-  शाम 06:00 बजे से 06:28 बजे तक, अश्विनी नक्षत्र 
  • 09 मार्च- सुबह 06:47 बजे से 06:30 बजे तक, पुनर्वसु नक्षत्र 
  • 10 मार्च- सुबह 07:47 बजे से 01:50 बजे तक, पुष्य नक्षत्र 


मार्च में विद्यारंभ संस्कार कराने से लाभ 


  • नए साल की शुरुआत: मार्च का महीना नए साल की शुरुआत का प्रतीक है जो बच्चे के जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत के लिए एक अच्छा समय हो सकता है।
  • शुभ मुहूर्त: मार्च में कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं जो विद्यारंभ संस्कार के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं।
  • बच्चे की बुद्धि का विकास: विद्यारंभ संस्कार कराने से बच्चे की बुद्धि में वृद्धि हो सकती है और वह नए ज्ञान को आसानी से ग्रहण कर सकता है।
  • आध्यात्मिक विकास: विद्यारंभ संस्कार एक आध्यात्मिक अनुष्ठान है, जो बच्चे के आत्मिक विकास में मदद करता है।
  • सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व: विद्यारंभ संस्कार एक महत्वपूर्ण सामाजिक और सांस्कृतिक अनुष्ठान है, जो परिवार और समाज में सम्मान और प्रतिष्ठा को बढ़ाता है।
  • बच्चे के भविष्य के लिए शुभ: विद्यारंभ संस्कार मार्च में कराने से बच्चे के भविष्य के लिए शुभ माना जाता है क्योंकि यह संस्कार बच्चे के जीवन में सकारात्मकता और सुख-समृद्धि को आकर्षित करता है।


विद्यारंभ संस्कार का महत्व


विद्यारंभ संस्कार भारतीय संस्कृति और परंपरा में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह बच्चे की शिक्षा की शुरुआत का प्रतीक होता है। यह बच्चे के जीवन में ज्ञान की प्राप्ति की दिशा में पहला कदम होता है, जो उसके भविष्य को आकार देता है। इसके अलावा- 


  • यह बच्चे की शिक्षा की शुरुआत का प्रतीक होता है।
  • यह बच्चे के जीवन में ज्ञान की प्राप्ति की दिशा में पहला कदम होता है।
  • यह बच्चे के भविष्य को आकार देता है।
  • यह बच्चे के जीवन में ज्ञान और बुद्धिमत्ता की वृद्धि के लिए देवी सरस्वती की पूजा का अवसर प्रदान करता है।


डिसक्लेमर

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