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नए साल 2025 की शुरूआत होने जा रही है। इस नए साल के साथ हमारी उत्सुकता भी बढ़ जाती है कि इस साल कौन-कौन सी महत्वपूर्ण घटनाएं होने वाली हैं। इन्हीं घटनाओं में से एक है सूर्य ग्रहण, जो धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोण से हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सूर्य ग्रहण एक ऐसी खगोलीय घटना है जिसमें चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक लेता है, जिससे पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश कम या पूरी तरह से गायब हो जाता है। यह घटना हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है खासकर धार्मिक दृष्टिकोण से। अब सवाल यह है कि साल 2025 में कितने सूर्य ग्रहण लगेंगे? क्या ये ग्रहण भारत में दिखाई देंगे? और सबसे महत्वपूर्ण बात, सूर्य ग्रहण का धार्मिक दृष्टिकोण से क्या प्रभाव होगा? आइए, इन सभी सवालों के जवाब इस लेख में जानते हैं।
साल 2025 में कुल 2 सूर्य ग्रहण लगेंगे। ये दोनों ही पूर्ण ग्रहण होंगे। लेकिन यह दोनों ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे इसलिए इसका कोई धार्मिक प्रभाव नहीं माना जाएगा। साथ ही इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। जिन स्थानों पर यह ग्रहण दिखाई देगा, वहां सूतक ग्रहण के 12 घंटे पहले से शुरू हो जाएगा।
हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण का बहुत महत्व है, जिसे एक शक्तिशाली और पवित्र घटना माना जाता है। यह घटना हमारे जीवन में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है जो हमें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का अवसर प्रदान करती है। सूर्य ग्रहण के दौरान लोग विशेष पूजा-पाठ और उपवास करते हैं ताकि वे इस घटना की शक्ति को अपने जीवन में आकर्षित कर सकें। यह एक समय होता है जब लोग अपने जीवन मेंसकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रार्थना करते हैं और अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रयास करते हैं।
पहला सूर्य ग्रहण
साल 2025 में दो सूर्य ग्रहण होने वाले हैं, जिनमें से पहला ग्रहण 29 मार्च 2025 को लगेगा। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण दोपहर 14:21 बजे से शाम 18:14 बजे तक रहेगा। यह ग्रहण विश्व के कई देशों में दिखाई देगा, जिनमें बरमूडा, बारबाडोस, डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, उत्तरी ब्राज़ील, फिनलैंड, जर्मनी, फ्रांस, हंगरी, आयरलैंड, मोरक्को, ग्रीनलैंड, कनाडा का पूर्वी भाग, लिथुआनिया, हॉलैंड, पुर्तगाल, उत्तरी रूस, स्पेन, सूरीनाम, स्वीडन, पोलैंड, पुर्तगाल, नॉर्वे, यूक्रेन, स्विट्जरलैंड, इंग्लैंड और अमेरिका के पूर्वी क्षेत्र शामिल हैं। हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इसका कोई धार्मिक प्रभाव नहीं माना जाएगा। इसके अलावा सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। जिन स्थानों पर यह ग्रहण दिखाई देगा, वहां सूतक ग्रहण के 12 घंटे पहले से शुरू हो जाएगा।
राशियों पर प्रभाव
29 मार्च 2025 को लगने वाले सूर्य ग्रहण के दौरान एक विशेष और शक्तिशाली ग्रहीय संयोग बनेगा। इस समय मीन राशि में सूर्य और राहु के अलावा, शुक्र, बुध और चंद्रमा भी उपस्थित होंगे। इस ग्रहीय संयोग के परिणामस्वरूप, द्वादश भाव में शनि विराजमान होंगे, जबकि तीसरे भाव में वृषभ राशि में बृहस्पति, चौथे भाव में मिथुन राशि में मंगल और सप्तम भाव में कन्या राशि में केतु स्थित होंगे। इस ग्रहण के दौरान पांच ग्रहों का एक साथ प्रभाव पड़ने के कारण, इसका राशियों पर बहुत गहरा और महत्वपूर्ण प्रभाव देखने को मिल सकता है। यह ग्रहण विभिन्न राशियों के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकता है।
दूसरा सूर्य ग्रहण
साल 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर की रात्रि में आश्विन मास की कृष्ण पक्ष अमावस्या के दिन लगेगा। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण रात 22:59 बजे से शुरू होकर 22 सितंबर की सुबह 03:23 बजे तक प्रभावी रहेगा। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण न्यूजीलैंड, फिजी, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी भागों में देखा जा सकेगा। हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, जिसके कारण इसका धार्मिक प्रभाव भी नहीं होगा और न ही इसका सूतक काल मान्य होगा।
राशियों पर प्रभाव
साल 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में आकार लेगा। इस दौरान, सूर्य, चंद्रमा और बुध कन्या राशि में स्थित होंगे, जिन पर मीन राशि में बैठे शनि देव की पूर्ण दृष्टि रहेगी। इस ग्रहण के दौरान विभिन्न ग्रहों की स्थिति भी महत्वपूर्ण होगी। दूसरे भाव में तुला राशि में मंगल होंगे। जबकि छठे भाव में कुंभ राशि में राहु स्थित होगा। इसके अलावा दशम भाव में बृहस्पति और द्वादश भाव में शुक्र और केतु की युति होगी। इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव विशेष रूप से कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे लोगों पर पड़ सकता है। यह ग्रहण उनके जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकता है और उनके भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
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