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शाही स्नान के बाद क्या करना चाहिए?

Jan 09 2025

Maha Kumbh 2025: शाही स्नान के बाद करें ये विशेष कार्य, मिलेगा हर दिशा से आशीर्वाद


महाकुंभ की शुरुआत में अब कुछ ही समय बाकी है, और इसमें शाही स्नान का महत्व अत्यधिक है। 12 साल में एक बार होने वाला यह महाकुंभ, न केवल शरीर की शुद्धि के लिए बल्कि आत्मिक उन्नति के लिए भी एक खास अवसर है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शाही स्नान से व्यक्ति के सभी पाप और कष्ट नष्ट हो जाते हैं, और देवी-देवता भी इस समय धरती पर आते हैं।


शाही स्नान से न केवल शरीर की शुद्धि होती है, बल्कि आत्मा भी शुद्ध हो जाती है। अगर आप प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करने जा रहे हैं, तो कुछ खास उपाय अपनाकर आप पुण्यफल को दोगुना कर सकते हैं। जानिए उन 5 महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में, जिन्हें शाही स्नान के समय करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। 



1.सूर्य देव को जल अर्पित करें


शाही स्नान के दौरान पवित्र जल में डुबकी लगाने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है। इससे न केवल करियर में तरक्की होती है, बल्कि धन-धान्य की वृद्धि होती है और दुर्भाग्य भी दूर होता है। यह कार्य व्यक्ति को पुण्य प्रदान करता है और आर्थिक लाभ भी प्राप्त होता है।



2.दान का महत्व


शाही स्नान के बाद सबसे पहला कदम होना चाहिए दान। ऐसा करने से न केवल आपके पापों का नाश होता है, बल्कि यह आपके जीवन में शुभ ग्रहों के प्रभाव को भी बढ़ाता है। अपने पास से जरूरतमंदों को कुछ दें, चाहे वह वस्त्र हों, खाद्य सामग्री हो या कोई और मदद हो। यह कार्य आपके पुण्य का खाता खोल देगा।



3.भगवान श्रीहरि और तुलसी की पूजा


शाही स्नान के बाद, भगवान श्रीहरि और तुलसी की पूजा से घर में सुख-शांति का वास होता है। तुलसी को जल अर्पित करें और भगवान विष्णु के चरणों में श्रद्धा पूर्वक मन से प्रार्थना करें। यह न केवल आपके घर को आशीर्वादित करेगा, बल्कि आपके जीवन में भगवान विष्णु और माता तुलसी की विशेष कृपा भी बनी रहेगी।



4.गौ माता को रोटी खिलाएं


महाकुंभ में शाही स्नान के बाद गाय को रोटी खिलाना अत्यधिक पुण्यकारी माना जाता है। यह कार्य न केवल आपके जीवन में समृद्धि लाता है, बल्कि आपके परिवार में खुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है। गौमाता को आहार देने से आपका आत्मिक सुख बढ़ता है और आपके द्वारा किए गए अच्छे कार्यों का फल शीघ्र मिलता है।



5.दीपदान करें


शाही स्नान के बाद नदी के किनारे दीपदान करने से पुण्य का फल दो गुणा बढ़ जाता है। ध्यान रखें कि दीपक में तिल के तेल या गाय के घी का इस्तेमाल करें, जिससे दीप जलाने का प्रभाव अधिक शक्तिशाली हो। यह आपके जीवन की अंधकारमयी राहों को रोशन करेगा और आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाएगा।


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