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नासिक में कब लगेगा कुंभ मेला

Jan 13 2025

Maha Kumbh 2025: नासिक में कब लगेगा कुंभ मेला, जानिए कैसे तय होती हैं कुंभ की तारीखें 


कुंभ मेला, जो भारत की प्राचीन धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं का हिस्सा है, हर 12 साल में चार पवित्र स्थानों—प्रयागराज (इलाहाबाद), हरिद्वार, उज्जैन और नासिक—में आयोजित होता है। माना जाता है कि समुद्र मंथन से निकलने वाला अमृत इन चार स्थानों पर गिरा था, जिसके कारण ये हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माने जाते हैं।   बात करें तो नासिक की , तो यहां आखिरी कुंभ मेला 2015 में जुलाई से सितंबर तक हुआ था।  अब अगला कुंभ मेला नासिक में 2027 में आयोजित होगा।  चलिए नासिक में होने वाला कुंभ के बारे में आपको थोड़ा और विस्तार से बताते हैं। लेकिन सबसे पहले कुंभ का महत्व और इससे जुड़ी पौराणिक कथाओं के बारे में जानते हैं।

कुंभ मेले की पौराणिक कथा 


हिंदू धर्म में कुंभ मेला समुद्र मंथन से जुड़ी एक पौराणिक कथा पर आधारित है। मान्यता है कि जब देवता और असुर अमृत प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन कर रहे थे, तो अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदें पृथ्वी पर चार पवित्र स्थानों—प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक—में गिरीं। यही कारण है कि इन स्थानों पर कुंभ मेला आयोजित किया जाता है।  

कुंभ मेले का महत्व


कुंभ मेले को एक धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन माना जाता है, जहां पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। नासिक में यह मेला गोदावरी नदी के किनारे आयोजित होता है, जिसे दक्षिण की गंगा भी कहा जाता है।

आध्यात्मिकता के लिए प्रसिद्ध नासिक


नासिक का कुंभ मेला अपनी भव्यता और आध्यात्मिक माहौल के लिए प्रसिद्ध है। 2027 में होने वाला मेला लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा और यह भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक धरोहर का अद्भुत मिश्रण होगा। यहां धार्मिक अनुष्ठान, संतों के प्रवचन, नागा साधुओं की शोभा यात्रा और पवित्र स्नान जैसे कार्यक्रम होंगे, जो भक्तों को आंतरिक शांति और दिव्यता का अनुभव देंगे।

नासिक कुंभ मेले का महत्व


1.पवित्र स्नान

गोदावरी नदी में स्नान करना कुंभ मेले का प्रमुख आकर्षण होता है। इसे आत्मा की शुद्धि और मोक्ष के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

2.संतों की उपस्थिति

विभिन्न अखाड़ों के साधु-संत, महात्मा और तीर्थयात्री इस मेले को विशेष बनाते हैं, और उनके प्रवचन भक्तों के लिए अत्यधिक प्रेरणादायक होते हैं।

3.शोभा यात्राएं

नागा साधुओं और अखाड़ों की भव्य शोभा यात्रा कुंभ मेले का अभिन्न हिस्सा होती है, जो एक अद्वितीय दृश्य प्रस्तुत करती है।

4.योग और ध्यान

इस दौरान योग और ध्यान के कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।

नोट- नासिक में होने वाला महाकुंभ की तारीख को लेकर अभी संशय बना हुआ है। इसलिए हमने आर्टिकल में तारीख का विवरण नहीं किया है।

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