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विवाह मुहूर्त मई 2025

Apr 27 2025

May 2025 Vivah Muhurat: मई 2025 में है शादी करने की योजना? यहां जानें विवाह के शुभ मुहूर्त और नक्षत्र


मई का महीना गर्मी की शुरुआत का प्रतीक है, जब प्रकृति अपने नए रूप में खिल उठती है। यह वह समय होता है जब जीवन में नए अवसर आते हैं और भविष्य की योजनाएं बनाई जाती हैं। अगर आप भी अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत करने के लिए तैयार हैं, तो मई 2025 आपके लिए एक शुभ महीना हो सकता है। ज्योतिष के अनुसार, मई में कई शुभ मुहूर्त आते हैं जो विवाह के लिए अत्यंत अनुकूल होते हैं। मई का महीना मांगलिक कार्यों के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस महीने में कई महत्वपूर्ण तिथियां और मुहूर्त होते हैं, जो विवाह के लिए उपयुक्त होते हैं। पंचांग के अनुसार, मई 2025 में शादी के 15 शुभ मुहूर्त हैं।


मई 2025 में शादी के लिए शुभ मुहूर्त

अगर आप मई 2025 में शादी करने की योजना बना रहे हैं, तो यहां कुछ शुभ मुहूर्त हैं जो आपके लिए उपयुक्त हो सकते हैं:

1. 1 मई 2025, बृहस्पतिवार

- समय: सुबह 11:23 बजे से दोपहर 02:21 बजे तक

- नक्षत्र: मॄगशिरा

2. 5 मई 2025, सोमवार

- समय: रात 08:29 बजे से 6 मई 2025, सुबह 05:36 बजे तक

- नक्षत्र: मघा

3. 6 मई 2025, मंगलवार

- समय: सुबह 05:36 बजे से दोपहर 03:52 बजे तक

- नक्षत्र: मघा, दशमी

4. 8 मई 2025, बृहस्पतिवार

- समय: दोपहर 12:29 बजे से 9 मई 2025, रात 01:57 बजे तक

- नक्षत्र: उत्तराफाल्गुनी, हस्त

5. 10 मई 2025, शनिवार

- समय: रात 03:15 बजे से 11 मई 2025, सुबह 04:01 बजे तक

- नक्षत्र: स्वाती, चित्रा

6. 14 मई 2025, बुधवार

- समय: सुबह 06:34 बजे से सुबह 11:47 बजे तक

- नक्षत्र: अनुराधा

7. 15 मई 2025, बृहस्पतिवार

- समय: सुबह 04:02 बजे से 16 मई 2025, सुबह 05:30 बजे तक

- नक्षत्र: मूल

8. 16 मई 2025, शुक्रवार

- समय: सुबह 05:30 बजे से शाम 04:07 बजे तक

- नक्षत्र: मूल

9. 17 मई 2025, शनिवार

- समय: शाम 05:44 बजे से 18 मई 2025, सुबह 05:29 बजे तक

- नक्षत्र: उत्तराषाढा

10. 18 मई 2025, रविवार

- समय: सुबह 05:29 बजे से शाम 06:52 बजे तक

- नक्षत्र: उत्तराषाढा

11. 22 मई 2025, बृहस्पतिवार

- समय: रात 01:12 बजे से 23 मई 2025, सुबह 05:26 बजे तक

- नक्षत्र: उत्तर भाद्रपद

12. 23 मई 2025, शुक्रवार

- समय: सुबह 05:26 बजे से 24 मई 2025, सुबह 05:26 बजे तक

- नक्षत्र: उत्तर भाद्रपद, रेवती

13. 24 मई 2025, शनिवार

- समय: सुबह 05:26 बजे से सुबह 08:22 बजे तक

- नक्षत्र: रेवती

14. 27 मई 2025, मंगलवार

- समय: शाम 06:45 बजे से 28 मई 2025, रात 02:50 बजे तक

- नक्षत्र: रोहिणी

15. 28 मई 2025, बुधवार

- समय: सुबह 05:25 बजे से शाम 07:09 बजे तक

- नक्षत्र: मॄगशिरा


मई माह में शादी करने का धार्मिक और ज्योतिष महत्व

मई माह में शादी करने का धार्मिक और ज्योतिष महत्व बहुत अधिक है। इस महीने में कई शुभ मुहूर्त होते हैं जो विवाह के लिए अत्यंत अनुकूल होते हैं।


धार्मिक महत्व

मई माह में शादी करने से वैवाहिक जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। इस महीने में विवाह करने से दांपत्य जीवन में प्रेम और समझ बढ़ती है। साथ ही पति-पत्नी के बीच सामंजस्य बना रहता है।


ज्योतिष महत्व

ज्योतिष के अनुसार, मई माह में कई ग्रहों की स्थिति विवाह के लिए अनुकूल होती है। इस महीने में विवाह करने से वैवाहिक जीवन में स्थिरता और सफलता मिलती है। मई माह में विवाह करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास बढ़ता है और उनका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।


मई माह में विवाह करने के लाभ

  • वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि
  • पति-पत्नी के बीच प्रेम और समझ
  • वैवाहिक जीवन में स्थिरता और सफलता
  • पति-पत्नी के बीच सामंजस्य और विश्वास


विवाह के लिए शुभ मुहूर्त चुनना क्यों जरूरी?

  • सुखी वैवाहिक जीवन: शुभ मुहूर्त में विवाह करने से पति-पत्नी के बीच सुख, समृद्धि और समझदारी की भावना बढ़ती है।
  • सफलता और समृद्धि: शुभ मुहूर्त में विवाह करने से जीवन में सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  • वैवाहिक संबंधों में मजबूती: शुभ मुहूर्त में विवाह करने से वैवाहिक संबंधों में मजबूती और स्थिरता आती है।
  • ज्योतिषीय महत्व: हिंदू ज्योतिष के अनुसार, शुभ मुहूर्त में विवाह करने से ग्रहों की शुभ स्थिति का लाभ मिलता है, जो वैवाहिक जीवन को सुखी और समृद्ध बनाता है।
  • पारंपरिक महत्व: शुभ मुहूर्त में विवाह करना एक पारंपरिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखता है, जो परिवार और समाज में सम्मान और प्रतिष्ठा को बढ़ाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।