नवीनतम लेख
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ 2025 की शुरुआत हो चुकी है। पहले अमृत स्नान के दिन लगभग 3 करोड़ 50 लाख श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाने पहुंचे। अगर आप भी महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं या लगाने वाले हैं, तो घर लौटने के बाद कुछ विशेष कार्य करना शुभ माना जाता है। इन कार्यों से आपको सौभाग्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि महाकुंभ से लौटने के बाद घर में कौन से कार्य करने आवश्यक माने जाते हैं।
महाकुंभ की धार्मिक यात्रा से लौटने के बाद घर में सत्यनारायण भगवान की कथा या भजन-कीर्तन का आयोजन करवाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे महाकुंभ में प्राप्त आध्यात्मिक ऊर्जा आपके घर में भी प्रवेश करती है। इससे न केवल घर का वातावरण शुद्ध होता है, बल्कि आपके सौभाग्य में भी वृद्धि होती है।
धार्मिक यात्रा के उपरांत दान-पुण्य करना अत्यंत शुभ फलदायी होता है। महाकुंभ के स्नान के बाद आपको अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करना चाहिए। यह दान मानसिक शांति और संतुष्टि प्रदान करता है।
महाकुंभ में स्नान के बाद पितरों को तर्पण या दान करने का भी विशेष महत्व है। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और सौभाग्य बढ़ता है।
महाकुंभ में यात्रा के दौरान प्राचीन और सिद्ध मंदिरों के दर्शन करने का अवसर मिलता है। मंदिरों से प्राप्त प्रसाद को घर लौटने के बाद अपने परिजनों और करीबियों में अवश्य बांटें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से भगवान का आशीर्वाद सभी को प्राप्त होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
तीर्थ यात्रा के बाद अन्न का दान करना महादान माना गया है। महाकुंभ से लौटने के बाद आप किसी ब्राह्मण को भोजन करवा सकते हैं, किसी मंदिर में अन्न दान कर सकते हैं, या गरीबों को भोजन प्रदान कर सकते हैं। इस दान से तीर्थ यात्रा का फल संपूर्ण होता है और यह सौभाग्यवर्धक माना जाता है।
महाकुंभ से लाई गई पवित्र भस्म को घर में लाकर पूजा स्थल पर रखने से घर का वातावरण पवित्र और सकारात्मक रहता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस भस्म को माथे पर लगाने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और भगवान शिव की कृपा बनी रहती है।
इसके अतिरिक्त, महाकुंभ से शिवलिंग, पारस पत्थर, या शुभ वस्त्र लाना भी शुभ माना जाता है। इन वस्तुओं को पूजा स्थल पर रखने से जीवन में समृद्धि आती है और पैसों से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं।
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।