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मध्यप्रदेश में देवी के प्रसिद्ध 3 मंदिर

Oct 08 2024

मध्यप्रदेश के देवी मंदिर में दर्शन करने आते हैं शेर, जानिए क्या है पचमढ़ी और देवास के माता मंदिर की कहानी


नवरात्रि में देश के विभिन्न राज्यों के दिव्य मंदिरों का दर्शन करते हुए bhaktvatsal.com की टीम आज देश का दिल कहे जाने वाले राज्य और महाकाल की धरती मध्य प्रदेश के दिव्य मंदिरों में पहुंच गई है। यहां के बारे में हैरत में डाल देने वाली बात यह है कि यहां के शेर माता रानी के मंदिरों तक पहुंच जाते हैं। जी हां एमपी का पचमढ़ी अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए तो प्रसिद्ध है ही पर यहां स्थित अंबा माई मंदिर एक चमत्कारी स्थल है जहां शेर जाते हैं। यहां का अन्नपूर्णा और चामुंडा मंदिर भी भक्तों के आकर्षण का केंद्र है।


शेर का नाम सुन बढ़ जाता है रोमांच


मध्य प्रदेश के जिन तीन प्रमुख मंदिरों का जिक्र हम करने जा रहे हैं वे विशेष रूप से भक्तों का ध्यान आकर्षित करते हैं। मां चामुंडा तुलजा दरबार की शक्ति, अन्नपूर्णा मंदिर की समृद्धि और अंबा माई मंदिर का दिव्य वातावरण  सभी भक्तों के लिए एक अनूठा और अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करता हैं। तो यदि आप भी इस नवरात्रि में माता दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त कर रोमांच के एक नए सफ़र पर चलना चाहते हैं तो चलिए आज हम आपको पचमढ़ी के इस अंबा माई मंदिर के बारे में सबसे पहले बताते हैं। यहां बाघ जैसे खूंखार वन्यजीवों की उपस्थिति से इसका महत्व और कई गुना तक बढ़ जाता है।



1. अंबा माई मंदिर, पचमढ़ी:-


पचमढ़ी हिल स्टेशन अपने प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ धार्मिक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां स्थित अंबा माई मंदिर माता दुर्गा को समर्पित एक प्रमुख मंदिर है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां केवल आम श्रद्धालु ही नहीं आते, बल्कि बाघ भी माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। मंदिर में देवी बगुलामुखी की मूर्ति उल्टे शेर पर बैठी है, जिसे देखकर ही इसका तांत्रिक महत्व समझ में आता है। नवरात्रि के दौरान यहां बड़ी संख्या में तांत्रिक भी साधना के लिए आते हैं। यहां की सबसे अद्भुत मान्यता यह है कि मंदिर के आसपास बाघ भी दिखाई देते हैं, जिन्हें देख लोग माता का चमत्कार मानते हैं।


बाघ को लेकर ये है मान्यता 


बाघ की उपस्थिति को लेकर मान्यता है कि यह देवी का विशेष रूप है, जो अपने भक्तों की रक्षा के लिए प्रकट होती हैं। इसे माता का शेर मानकर लोग बाघ के दर्शन को भी शुभ मानते हैं। आश्चर्यजनक रूप से बाघ ने आज तक किसी भी भक्त को नुकसान नहीं पहुंचाया है।


2. मां चामुंडा तुलजा दरबार, देवास:-


देवास का यह मंदिर देवी के 52 शक्तिपीठों में से एक माना गया है। मान्यता है कि जहां अन्य शक्तिपीठों पर माता के अंग गिरे थे वहीं देवास की टेकरी पर माता का रक्त गिरा था। यही वजह है कि इसे शक्तिपीठ के तौर पर देखा जाता है। मां चामुंडा तुलजा दरबार का यह स्थान भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र माना गया है। मंदिर में नवरात्रि के समय विशेष पूजा का आयोजन होता है और हजारों श्रद्धालु यहां आकर माता के दर्शन करते हैं। 


3. अन्नपूर्णा मंदिर, इंदौर:-


इंदौर शहर का अन्नपूर्णा मंदिर भी एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर इंदौर रेलवे स्टेशन से मात्र 05 किमी की दूरी पर स्थित है। इसका निर्माण 1959 में महामंडलेश्वर स्वामी प्रणबानंद गिरि महाराज ने करवाया था। मंदिर में माता अन्नपूर्णा की विशाल प्रतिमा स्थापित है जो समृद्धि और भोजन की देवी मानी जाती हैं। नवरात्रि के दौरान यहां का माहौल अत्यधिक भक्तिमय हो जाता है। विशेष हवन और अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है। श्रद्धालु यहां देवी से समृद्धि और सुख-सम्पदा की कामना करते हैं। मंदिर की वास्तुकला भी अत्यंत मनमोहक है जो इसे और आकर्षक बनाती है।


रोमांच से भरा है यहां का सफ़र  


इन मंदिरों की कहानी में जितना धार्मिक आकर्षण है उतना ही अद्भुत इसका वन्यजीवों से जुड़ा हुआ कनेक्शन भी है। मध्य प्रदेश अपनी ऐतिहासिक धरोहर और धार्मिक स्थलों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। नवरात्रि के अवसर पर यहां के कुछ खास मंदिरों की महत्ता और भक्तों की श्रद्धा को देखना एक दिव्य अनुभव होता है। 


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