Maa Durga 108 Names: चैत्र नवरात्रि में करें मां दुर्गा के 108 नामों का जाप, मिलेगा मनचाहा वरदान
नवरात्रि पर्व का आगमन होते ही चारों ओर भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बन जाता है। विशेषकर चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा से न केवल मन को शांति मिलती है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और शक्ति का संचार भी होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां दुर्गा के 108 नामों का जाप करने से श्रद्धालुओं की सभी इच्छाएं पूर्ण होती है और जीवन से बाधाएं समाप्त हो जाती हैं।
मां दुर्गा के 108 नामों से होगा दुःख, रोग और भय का अंत
मां दुर्गा के 108 नामों को महाशक्ति का रूप माना जाता है। यह सभी नाम मां के अलग-अलग रूपों और शक्तियों का प्रतीक हैं। धार्मिक ग्रंथों में ऐसा कहा गया है कि मां के हर एक नाम के उच्चारण से विशेष ऊर्जा उत्पन्न होती है। साथ ही इन नामों का जाप करने से भक्तों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है और सभी दुख, रोग और भय समाप्त हो जाते हैं।
हर रोज पांच बार 108 नामों का जाप करने से मिलेगा आशीर्वाद
- नवरात्रि के नौ दिनों में, सूर्योदय के समय स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें, साथ ही लाल कपड़े पहनने की कोशिश करें क्योंकि इसे नवरात्रि में शुभ माना जाता है।
- मां दुर्गा की फोटो या मूर्ति के सामने दीप जलाकर, लाल फूलों और लाल रंग के चावल की कणों को अर्पण करते हुए, शांत और शुद्ध मन से माता के 108 नामों का जाप करें।
- 108 नामों का जाप हर रोज कम से कम पांच बार करें और यह करते समय उच्चारण पर खास ध्यान दें, जिससे आपको आशीर्वाद की प्राप्ति होगी।
नवरात्रि में 108 नामों के जाप से मिलती है मानसिक शांति
नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के 108 नामों का जाप करने से मानसिक शांति, रोग से मुक्ति और स्वास्थ्य में सुधार होता है। साथ ही शत्रुओं पर विजय, भय से मुक्ति और घर में सुख, शांति और समृद्धि की वृद्धि भी होती है, क्योंकि इस समय मां दुर्गा का आशीर्वाद सबसे अधिक प्रभावशाली माना जाता है।
मां दुर्गा के शिव तत्व युक्त 108 शक्तिशाली नाम
- ॐ दुर्गायै नमः
- ॐ शिवायै नमः
- ॐ शिवभक्तायै नमः
- ॐ शिवार्चितायै नमः
- ॐ शिवप्रियायै नमः
- ॐ शिवज्ञानप्रदायिन्यै नमः
- ॐ शिवमायायै नमः
- ॐ शिवात्मिकायै नमः
- ॐ शिवसृष्ट्यै नमः
- ॐ शिवालंकारायै नमः
- ॐ शिवगुणाय नमः
- ॐ शिवमूर्त्यै नमः
- ॐ शिवलक्षणाय नमः
- ॐ शिवगुरवे नमः
- ॐ शिवज्ञानप्रदायिन्यै नमः
- ॐ शिवाश्रयाय नमः
- ॐ शिवसर्वस्वाय नमः
- ॐ शिवेश्वर्याय नमः
- ॐ शिवसिद्ध्यै नमः
- ॐ शिवदायिन्यै नमः
- ॐ शिववंदितायै नमः
- ॐ शिवप्रेमायै नमः
- ॐ शिवप्रियायै नमः
- ॐ शिवभाषिण्यै नमः
- ॐ शिवपुत्र्यै नमः
- ॐ शिवनूतनायै नमः
- ॐ शिवनारीणां श्रेष्ठायै नमः
- ॐ शिवकान्तायै नमः
- ॐ शिवआनंदायै नमः
- ॐ शिवरूपिण्यै नमः
- ॐ शिवकृपायै नमः
- ॐ शिवधर्मायै नमः
- ॐ शिवधैर्यायै नमः
- ॐ शिवलक्ष्म्यै नमः
- ॐ शिववृत्त्यै नमः
- ॐ शिवकर्मायै नमः
- ॐ शिववन्द्यायै नमः
- ॐ शिवाश्रितायै नमः
- ॐ शिवाचार्यायै नमः
- ॐ शिवसाध्यायै नमः
- ॐ शिवदर्शिन्यै नमः
- ॐ शिवध्यानायै नमः
- ॐ शिवदक्षिणायै नमः
- ॐ शिवरूपायै नमः
- ॐ शिवमन्त्रायै नमः
- ॐ शिवमूर्त्यै नमः
- ॐ शिवार्चितायै नमः
- ॐ शिवध्वजायै नमः
- ॐ शिवशक्त्यै नमः
- ॐ शिवसेवितायै नमः
- ॐ शिवकान्तायै नमः
- ॐ शिवकान्त्या नमः
- ॐ शिवधृत्यै नमः
- ॐ शिवगर्वायै नमः
- ॐ शिवहृदया नमः
- ॐ शिववन्दितायै नमः
- ॐ शिवप्रेमायै नमः
- ॐ शिवानन्दायै नमः
- ॐ शिवालम्बायै नमः
- ॐ शिवसिद्ध्यै नमः
- ॐ शिवलक्षणायै नमः
- ॐ शिवधारणायै नमः
- ॐ शिवमन्त्रायै नमः
- ॐ शिवयोगायै नमः
- ॐ शिवदृष्ट्यै नमः
- ॐ शिवशक्त्यै नमः
- ॐ शिवदायिन्यै नमः
- ॐ शिवधृत्यै नमः
- ॐ शिवरक्षायै नमः
- ॐ शिवलालितायै नमः
- ॐ शिवानन्दायै नमः
- ॐ शिवप्रेमायै नमः
- ॐ शिवसेवितायै नमः
- ॐ शिवार्चितायै नमः
- ॐ शिवमन्त्रायै नमः
- ॐ शिवनारीणां श्रेष्ठायै नमः
- ॐ शिवेश्वर्यायै नमः
- ॐ शिवलक्षणायै नमः
- ॐ शिवमूर्ति धारणायै नमः
- ॐ शिवभक्तायै नमः
- ॐ शिवार्चितायै नमः
- ॐ शिवलक्षणायै नमः
- ॐ शिवगुणायै नमः
- ॐ शिवसेवितायै नमः
- ॐ शिवप्रियायै नमः
- ॐ शिवानन्दायै नमः
- ॐ शिवमन्त्रायै नमः
- ॐ शिवधृत्यै नमः
- ॐ शिवसिद्ध्यै नमः
- ॐ शिवसेवितायै नमः
- ॐ शिवशक्त्यै नमः
- ॐ शिववन्द्यायै नमः
- ॐ शिवप्रियायै नमः
- ॐ शिवप्रेमायै नमः
- ॐ शिवानन्दायै नमः
- ॐ शिवज्ञानायै नमः
- ॐ शिवसेवितायै नमः
- ॐ शिवरूपिण्यै नमः
- ॐ शिवभाषिण्यै नमः
- ॐ शिवधैर्यायै नमः
- ॐ शिवगुणायै नमः
- ॐ शिवमूर्ति धारणायै नमः
- ॐ शिवधारणायै नमः
- ॐ शिवयोगायै नमः
- ॐ शिवसाध्यायै नमः
- ॐ शिवसेवितायै नमः
- ॐ शिवमन्त्रायै नमः
- ॐ शिवसिद्ध्यै नमः