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पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर, प्रयागराज में 144 वर्षों बाद महाकुंभ का शुभारंभ हो चुका है। इस दिव्य और ऐतिहासिक आयोजन में लाखों श्रद्धालु भाग लेने पहुंचे हैं। अगर आप किसी कारणवश प्रयागराज नहीं जा पाए हैं, तो निराश न हों। आप घर पर ही कुछ सरल उपाय करके इस महाकुंभ के पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
कुंभ मेले में संगम में डुबकी लगाना एक पवित्र अनुष्ठान माना जाता है। मान्यता है कि कुंभ मेले में संगम में डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कुछ लोग मानते हैं कि कुंभ मेले में प्रतिदिन तीन बार संगम में डुबकी लगाने से विशेष फल मिलता है। यह त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु, महेश का प्रतीक मानी जाती है। हालांकि, यह एक सख्त नियम नहीं है और लोग अपनी श्रद्धा और सुविधा के अनुसार डुबकी लगा सकते हैं। यदि आप कुंभ मेले में नहीं जा पा रहे हैं, तो आप घर पर भी पवित्र स्नान कर सकते हैं। इसके लिए आप एक बाल्टी में पानी लें और उसमें थोड़ा सा गंगाजल मिला लें। फिर इस पानी से तीन बार स्नान करें।
स्नान के पश्चात, ताज़े और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर, पूर्व दिशा की ओर मुख करके उगते हुए सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल अर्पित करें। इस दौरान, मन ही मन या ऊंचे स्वर में सूर्य मंत्र का जाप करते रहें। सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद, तुलसी के पौधे को जल चढ़ाएँ और दीपक जलाएँ। तुलसी माता की परिक्रमा करते हुए उनका ध्यानपूर्वक दर्शन करें और उनसे आशीर्वाद मांगें।
इसके बाद, घर के मंदिर में जाकर भगवान शिव, श्रीहरि विष्णु और अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को शुद्ध जल से स्नान कराएं। धूप-दीप जलाकर उन्हें फूल, फल और नैवेद्य अर्पित करें। मंत्रों का उच्चारण करते हुए उनकी आराधना करें। विशेष रूप से, मां गंगा का स्मरण करते हुए उनका जाप करें। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किया गया दान मोक्ष की प्राप्ति कराता है। विशेषकर, तिल, गुड़, कंबल और ऊनी वस्त्रों का दान बहुत शुभ माना जाता है।
अगर आप महाकुंभ में शाही स्नान के लिए नहीं जा पा रहे हैं तो आप इस दौरान त्रिदेव के मंत्रों का जाप जरूर करें।
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