घर में कैसे लगाएं भगवान की तस्वीर, सजावट के लिए प्रयोग करनी चाहिए या नहीं
हिन्दू धर्म में कुल 33 करोड़ देवी-देवता की पूजा अर्चना का विधान है। कुछ ग्रंथों में इस संख्या को तैंतीस प्रकार के देवताओं के रूप में पारिभाषित किया गया है। हर देवता का अपना अलग स्वरूप और महिमा है। इन स्वरूपों का वर्णन हमारे शास्त्रों में है और उन्हीं के आधार पर देवी देवताओं की मूर्तियां और तस्वीरें बनाई गई है जिन्हें हम पूजते हैं। 33 कोटि देवी-देवता कैसे दिखते हैं इस बात का विस्तृत वर्णन अलग-अलग ग्रंथों में विस्तार से किया गया हैं।
इसी वर्णन के आधार पर भगवान की तस्वीरें और मूर्तियां बनाई गई है जो बहुत सुंदर और शुभ हैं।
लेकिन देवी देवताओं की तस्वीर कब कहां कैसे लगाएं और पूजन करें इससे भी नियम है। ऐसे में एक सवाल हमेशा रहता है कि देवताओं की तस्वीरें सजावट के तौर पर उपयोग करना चाहिए या नहीं। कई बार हम घर के पूजा घर के अलावा भी अन्यत्र हिस्सों में भी भगवान की तस्वीर लगाने का मन बनाते हैं और जानकारी के अभाव में ऐसा नहीं करते या गलत तरीके से कर लेते हैं, जिसके गलत परिणाम भी हो सकते हैं। तो चलिए भक्त वत्सल पर जानते हैं कि भगवान की तस्वीर कहां और कैसे लगाएं?
घर में देवी-देवताओं की तस्वीरें सजावट में इस्तेमाल की जा सकती हैं लेकिन इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। जैसे -
- पति-पत्नी के बेडरूम में देवी-देवताओं की तस्वीर नहीं लगाना चाहिए।
- घर के मंदिर में गणेश जी की दो से ज्यादा तस्वीर रखना सही नहीं है।
- घर में फटी हुई तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। फटी हुई तस्वीर रखने से घर पर नकारात्मकता बढ़ती है।
- इसी तरह पूजा घर में मृत परिजनों की तस्वीरें भी नहीं लगानी चाहिए।
- घर के दक्षिण या पश्चिम दिशा में प्राकृतिक दृश्यों की तस्वीर लगानी चाहिए न की भगवान की।
- भगवान की तस्वीर लगाने के बजाय नदियां और झरने की तस्वीर घर के उत्तर या पूर्व दिशा में लगा सकते हैं।
- घर के मंदिर में शिव और पार्वती देवी की एक ही तस्वीर होनी चाहिए। इसी तरह घर में हनुमान जी की भी सिर्फ एक ही तस्वीर रखनी चाहिए। जिसमें वह बैठे हुए हाथों से आशीर्वाद दे रहे हों।