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फरवरी में पड़ने वाले व्रत-त्योहार

Jan 13 2025

February Vrat 2025 : बसंत पंचमी के आगमन से आरंभ होगा  फरवरी का महीना, यहां विस्तार से व्रत-त्योहार की लिस्ट देखें


फरवरी, साल का दूसरा महीना, अपनी छोटी अवधि के लिए जाना जाता है। इसमें ज्यादातर 28 दिन होते हैं, लेकिन हर चार साल में आने वाले लीप वर्ष में ये 29 हो जाते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह महीना धार्मिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दौरान कई बड़े त्योहार और उत्सव मनाए जाते हैं।

आइए, भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं फरवरी 2025 में कौन-कौन से प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे?


फरवरी 2025 व्रत-त्योहार कैलेंडर लिस्ट यहां देखें


विनायक चतुर्थी , 1 फरवरी 2025, शनिवार


हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। चूंकि हिंदू पंचांग चंद्रमा की गति पर आधारित है। इसलिए 1 फरवरी 2025 साल का दूसरा विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। 


बसंत पंचमी, 2 फरवरी 2025, रविवार


बसंत पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है और इसलिए इसे 'बसंत पंचमी' कहा जाता है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है और ज्ञान, कला और संगीत का जश्न मनाया जाता है।


नर्मदा जयंती, 4 फरवरी 2025, मंगलवार


नर्मदा जयंती भारत में एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है जो नर्मदा नदी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। नर्मदा नदी को भारत की पवित्र नदियों में से एक माना जाता है और इसे 'रेवा' या 'नर्मदा माता' के नाम से भी जाना जाता है।


जया एकादशी, 8 फरवरी 2025, शनिवार


जया एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह व्रत हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।


प्रदोष व्रत, 9 फरवरी 2025, रविवार


प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। प्रदोष का अर्थ है 'संध्या का समय' और इस व्रत को संध्या के समय किया जाता है। यह मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।


माघ पूर्णिमा व्रत, कुंभ संक्रांति, गुरु रविदास जयंती, 12 फरवरी 2025, बुधवार


माघ पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार है। यह माघ महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। माघ पूर्णिमा का व्रत धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं कुंभ संक्रांति जो हर साल फरवरी महीने में मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव धनु राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं। कुंभ संक्रांति को मोक्ष दायिनी माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

गुरु रविदास जयंती हर साल माघ पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है, जो आमतौर पर फरवरी महीने में आती है। यह दिन संत रविदास जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जो एक महान संत, कवि और समाज सुधारक थे।


फाल्गुन माह शुरू, 13 फरवरी 2025, गुरुवार


फाल्गुन हिंदू कैलेंडर का बारहवां और अंतिम महीना है। यह महीना रंगों, उल्लास और त्योहारों से भरपूर होता है। फाल्गुन महीने की शुरुआत के साथ ही सर्दी का मौसम विदा लेने लगता है और धीरे-धीरे गर्मी का आगमन होता है।  फाल्गुन महीने में ही होली का त्योहार मनाया जाता है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। 


द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी, 16 फरवरी 2025, रविवार


द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है जो भगवान गणेश को समर्पित है। यह व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाने वाली संकष्टी चतुर्थी को विशेष रूप से द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है।


शबरी जयंती, 20 फरवरी 2025, गुरुवार


शबरी जयंती  भगवान राम की सबसे बड़ी भक्त, शबरी माता को समर्पित है। यह पर्व मुख्य रूप से गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में मनाया जाता है। शबरी माता की कहानी रामायण में मिलती है, जहां उन्होंने भगवान राम को जंगल में रहते हुए बेर खिलाए थे। शबरी एक आदिवासी महिला थीं, जिन्होंने भगवान राम को अपने हृदय में बसाया था। वे भगवान राम की भक्ति में लीन रहती थीं और उनके आने की प्रतीक्षा में रहती थीं। जब भगवान राम जंगल में भटकते हुए उनके आश्रम पहुंचे, तो शबरी ने उन्हें बड़े प्रेम से स्वागत किया। उन्होंने भगवान राम को स्वयं द्वारा चखे हुए बेर खिलाए, जो कि उनके निस्वार्थ प्रेम का प्रतीक था।


जानकी जयंती, 21 फरवरी 2025, शुक्रवार


जानकी जयंती जो माता सीता के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। माता सीता को भगवान राम की पत्नी और आदर्श नारी के रूप में पूजा जाता है। माता सीता अपने पति श्री राम के साथ मिलकर रावण जैसे राक्षस का वध कर अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक हैं। माता सीता पतिव्रता धर्म का प्रतीक मानी जाती हैं।


विजया एकादशी, 24 फरवरी 2025, सोमवार


विजया एकादशी जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह व्रत फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सभी पापों का नाश हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। विजया एकादशी के दिन व्रत रखने से सभी पापों का नाश हो जाता है और व्यक्ति पवित्र हो जाता है। विजया एकादशी के दिन पूजा-अर्चना करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।


प्रदोष व्रत, 25 फरवरी 2025, मंगलवार


प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। यह व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।


महाशिवरात्रि, 26 फरवरी 2025, बुधवार


महाशिवरात्रि जो भगवान शिव को समर्पित है। यह त्योहार हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। साल 2025 में महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है।  


फाल्गुन अमावस्या, 27 फरवरी 2025, गुरुवार


फाल्गुन अमावस्या, फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को मनाया जाता है। यह दिन पितृ पूजा और दान-पुण्य के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पितरों का श्राद्ध किया जाता है और उन्हें पिंडदान दिया जाता है। मान्यता है कि इस दिन पितृ लोक से पितर धरती पर आते हैं और उनके आशीर्वाद से परिवार का कल्याण होता है। इस दिन दान करना बहुत शुभ माना जाता है।


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