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नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा के भव्य उत्सव के रूप में मनाया जाता है। नवरात्रि स्पेशल सीरीज में आज हम आपको असम के कुछ प्रमुख देवी मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं। ये मंदिर धार्मिक महत्व ही नहीं रखते बल्कि ये अपनी मान्यताओं और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी जाने जाते हैं। इस नवरात्रि असम के इन मंदिरों का दर्शन आप भी कर सकते हैं। इस लेख में हजारों घंटियों वाली अद्भुत मंदिर से लेकर डिगबोई और कामाख्या जैसे दिव्य स्थलों की भी चर्चा है। यहां आकर मन को शांति प्रदान की जा सकती है।
असम के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक मां कामाख्या मंदिर दरअसल, देवी कामाख्या को समर्पित एक सिद्ध शक्तिपीठ है। यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा और आसपास के प्राकृतिक दृश्य भक्तों को एक गहन आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं। मान्यताओं के अनुसार विष्णु भगवान ने अपने चक्र से माता सती के 51 भाग किए थे। जहां-जहां यह भाग गिरे वहां पर माता का एक शक्तिपीठ बन गया। इस जगह पर माता की योनी गिरी थी। इसलिए यहां उनकी कोई मूर्ति नहीं बल्कि योनी की पूजा होती है। आज यह जगह शक्तिशाली पीठ है। इस मंदिर से जुड़ी कई कथाएं हैं जिसमें सबसे प्रचलित मान्यता ये है कि इस मंदिर में माता को भी माहवारी आती है।
दर्शन का समय: प्रतिदिन सुबह 8:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक।
कैसे पहुंचे: गुवाहाटी हवाई, रेल और सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
निकटतम रेलवे स्टेशन: गुवाहाटी रेलवे स्टेशन। निकटतम हवाई अड्डा: लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा।
निकटतम बस स्टॉप: कामाख्या गेट बस स्टॉप।
डिगबोई, असम के तिनसुकिया जिले का एक छोटा सा शहर है, जो कभी अपने तेल कुओं के लिए प्रसिद्ध था। इस शहर का नाम 'डिगबोई' अंग्रेजी शब्द 'Dig Boy' से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘खोदना।’ यहाँ स्थित शमशान काली मंदिर अपने अद्वितीय स्थान और मान्यताओं के लिए जानी जाती है। इस मंदिर में काली माता की प्रतिमा के पास से शमशान दिखाई देता है मान्यता के अनुसार यहां बनाई गई बाउंड्री अपने आप टूट जाती है।
दर्शन का समय: प्रतिदिन सुबह 6:30 बजे से शाम 7:00 बजे तक।
कैसे पहुंचे: डिगबोई सड़क मार्ग और रेल मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
निकटतम रेलवे स्टेशन: तिनसुकिया रेलवे स्टेशन। निकटतम हवाई अड्डा: डिब्रूगढ़ हवाई अड्डा।
निकटतम बस स्टॉप: तिनसुकिया बस स्टॉप।
डिगबोई की कहानी 19वीं सदी के अंत में शुरू होती है, जब अंग्रेजी अधिकारियों ने इस क्षेत्र में तेल की खोज की थी। ऐसा कहा जाता है कि जब एक अधिकारी ने भारतीय मजदूर को जमीन खोदने का आदेश दिया, तो उसने कहा 'Dig, Boy, Dig' और तभी से इस क्षेत्र का नाम डिगबोई पड़ गया। यहां का तेल कुआं भारत का सबसे पुराना कुआं है और यह शहर तेल रिफाइनरी के लिए प्रसिद्ध रहा है।
महामाया मंदिर असम के कोकराझार जिले के बोगरीबारी में स्थित है। देवी महामाया को समर्पित यह मंदिर एक पहाड़ी पर बना हुआ है। यहां से प्राकृतिक सौंदर्य का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। यह मंदिर शक्ति और दिव्यता का प्रतीक है।
दर्शन का समय: प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक।
कैसे पहुंचे: बोगरीबारी सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।
निकटतम रेलवे स्टेशन: गोसाईगंज हाट रेलवे स्टेशन।
निकटतम हवाई अड्डा: लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा।
निकटतम बस स्टॉप: बोगरीबारी बस स्टैंड।
तिलिंगा मंदिर को बेल टेम्पल के नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर की अनूठी विशेषता ये है कि यहां भक्त अपनी मन्नत पूरी होने पर घंटियां बांधते हैं। यहां हजारों से भी अधिक की तादाद में बंधी हुई घंटियों का अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है।
दर्शन का समय: प्रतिदिन सुबह 7:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक।
कैसे पहुंचे: तिनसुकिया सड़क और रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है।
निकटतम रेलवे स्टेशन: तिनसुकिया रेलवे स्टेशन।
निकटतम हवाई अड्डा: डिब्रूगढ़ हवाई अड्डा।
निकटतम बस स्टॉप: तिनसुकिया बस स्टैंड।
असम के गुवाहाटी में स्थित नवग्रह मंदिर दरअसल 09 ग्रहों को समर्पित एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यह ज्योतिष शास्त्र में रुचि रखने वाले भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह मंदिर चितराचल पहाड़ी की चोटी पर स्थित है जहां से गुवाहाटी शहर का खूबसूरत दृश्य देखने को मिलता है।
दर्शन का समय: सोमवार से शुक्रवार सुबह 8:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक।
कैसे पहुंचे: गुवाहाटी के केंद्र में स्थित होने के कारण इसे स्थानीय परिवहन से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
निकटतम रेलवे स्टेशन: गुवाहाटी रेलवे स्टेशन।
निकटतम हवाई अड्डा: लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा।
निकटतम बस स्टॉप: नवग्रह बस स्टॉप।
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