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नवदुर्गा से जुड़े 9 सबसे प्रसिद्ध मंदिर

Sep 27 2024

देश में अलग-अलग स्थानों पर हैं नवदुर्गा के मंदिर,  नवरात्रि में जरूर करें दर्शन 


नवरात्रि को भारत ही नहीं दुनिया में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस पावन पर्व पर मां दुर्गा के नौ अलग अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्रि में गुजरात, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मप्र से लेकर देशभर में माता के पंडाल सजाए जाते हैं। मैया के नौ अलग-अलग स्वरूपों के बारे में आप भक्त वत्सल के नवरात्रि विशेषांक में पढ़ सकते हैं। भक्त वत्सल के इस लेख में हम आपको इन्हीं नौ रूपों के अलग-अलग प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।


वाराणसी में शैलपुत्री मंदिर


नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। शैलपुत्री माता का सबसे प्रसिद्ध मंदिर वाराणसी के मढ़िया घाट पर स्थित है।

 

वाराणसी में माता ब्रह्मचारिणी का मंदिर


ब्रह्मचारिणी माता नवरात्रि की दूसरी देवी हैं। वाराणसी स्थित मैया के इस मंदिर में सालभर भक्तों की भीड़ रहती है जो नवरात्रि में और बढ़ जाती है।


वाराणसी का चन्द्रघंटा मंदिर


तीसरी नवरात्रि की देवी चन्द्रघंटा का वाराणसी मंदिर बहुत प्रसिद्ध है।


कानपुर में कुष्मांडा मंदिर


नवरात्रि के चौथे दिन देवी कुष्मांडा की पूजा अर्चना का विधान है। कानपुर के घाटमपुर में देवी कुष्मांडा का मंदिर देश का सबसे अनोखा मंदिर माना जाता है। यह मंदिर देश ही नहीं विदेशों में भी विख्यात है।


वाराणसी में स्कन्दमाता मंदिर


देवी स्कन्दमाता का ये मंदिर वाराणसी के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।


कर्नाटक में विराजमान हैं मां कात्यायनी 


छठे नवरात्र की देवी कात्यायनी का कर्नाटक के एवरसा में स्थित बाणेश्वर मंदिर सालभर भक्तों की भीड़ से भरा रहता है। दर्शनार्थियों की यह संख्या नवरात्रि में बहुत अधिक बढ़ जाती है।


वाराणसी में कालरात्रि मंदिर


माता कालरात्रि की पूजा अर्चना के लिए दूर-दूर से लोग वाराणसी के कालरात्रि देवी मंदिर आते हैं। 


लुधियाना में महागौरी मंदिर


नवरात्रि के आखिरी दिन देवी महागौरी की पूजा अर्चना होती है। महागौरी का मंदिर वाराणसी के अलावा लुधियाना में भी स्थित है। इस मंदिर की यह खासियत है कि ये मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का मंदिर हैं। 


डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।