दक्षिणमुखी घर में पूजा क्यों वर्जित है, जानें वास्तु दोष के उपाय
अपना घर बनाते समय दिशा का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा को यमराज से जोड़ा जाता है और दक्षिण मुखी घर अशुभ माना जाता है। ऐसे घर में रहने वाले लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि बीमारियां, धन की हानि और पारिवारिक कलह। अगर आपका घर पहले से ही दक्षिण मुखी है, तो चिंता न करें। आइए इस लेख में विस्तार से वास्तुदोष से छुटकारा पाने के लिए कुछ उपायों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
दक्षिण दिशा में कौन सी चीजें नहीं रखनी चाहिए?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा को यमराज और पितृदोष से जोड़ा जाता है। इसलिए इस दिशा में कुछ चीजें रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है और घर में अशांति हो सकती है।
- जूते-चप्पल - दक्षिण दिशा को पवित्र माना जाता है, इसलिए यहां जूते-चप्पल रखना अशुभ माना जाता है। इससे पितृ दोष लग सकता है और घर में कलह हो सकती है।
- डस्टबिन - डस्टबिन को गंदगी और नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। इसलिए इसे दक्षिण दिशा में रखने से बचना चाहिए।
- इलेक्ट्रॉनिक सामान - टीवी, फ्रिज, कंप्यूटर आदि जैसे सामान दक्षिण दिशा में न रखें।
- भारी फर्नीचर - भारी फर्नीचर दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए।
- रसोई - रसोई अग्नि तत्व से संबंधित है। इसे दक्षिण दिशा में बनाना शुभ नहीं माना जाता है।
- बाथरूम - बाथरूम कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं बनवाना चाहिए।
- तुलसी पौधा - दक्षिण दिशा में तुलसी की पौधा भूलकर भी न लगाएं। इस दिशा शुभ नहीं मानी जाती है। इस दिशा में तुलसी का पौधा लगाने से व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
- पूजा-घर - दक्षिण दिशा में पूजा घर नहीं बनवाना चाहिए। यह दिशा यम की दिशा होती है। इसलिए इस दिशा में पूजा-पाठ से संबंधित कोई भी चीज नहीं रखना चाहिए।
दक्षिणमुखी घर का दोष ठीक करने के लिए करें ये उपाय
- अगर घर के मुख्य दरवाजे के सामने नीम का पेड़ लगा हो, तो दक्षिण दिशा से होने वाले बुरे प्रभाव कम हो सकते हैं। नीम का पेड़ घर के मुख्य द्वार के सामने होने से हनुमान जी की कृपा भी प्राप्त होती है।
- यदि आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है, तो दरवाजे के सामने एक बड़ा आईना लगाना फायदेमंद हो सकता है।
- दक्षिण मुखी मुख्य द्वार को लाल रंग से रंग कर, उस पर पंचमुखी हनुमान की मूर्ति स्थापित करें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।
- यदि आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है, तो दो गणेश जी की प्रतिमा लाएं। एक प्रतिमा को घर के अंदर की ओर और दूसरी को बाहर की ओर इस तरह से स्थापित करें कि गणेश जी की पीठ न दिखे। ऐसा करने से दक्षिण दिशा से जुड़ा वास्तु दोष दूर होता है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण मुखी घर के वास्तु दोष को दूर करने के लिए मुख्य द्वार पर स्वास्तिक और गणेश जी की प्रतिमा लगाना बहुत शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सुख-समृद्धि आती है।