नवीनतम लेख
भाई दूज का पर्व पांच दिवसीय दीपोत्सव का अंतिम दिन है। जिसे कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई का तिलक करती हैं, यमराज की पूजा करती हैं और उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं। भाई अपनी बहन को उपहार देकर उनके प्रति अपने स्नेह का इजहार करते हैं। लेकिन इस दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। मान्यता है कि भाई दूज पर कुछ गलतियां करने से भाई-बहन के रिश्ते में तनाव हो सकता है। आइए इस लेख में उन गलतियों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
सनातन धर्म में भाई दूज का विशेष महत्व है। इस पर्व पर बहनें अपने भाई की दीर्घायु, सुख और सफलता की कामना के लिए यमराज की पूजा करती हैं। शुभ मुहूर्त में भाई का तिलक करने की परंपरा है। जिसके बाद भाई अपनी बहनों को उपहार देकर आशीर्वाद लेते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अगर कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा गया तो रिश्ते में खटास भी आ सकती है। इसलिए, भाई दूज के इस पावन पर्व पर बहनों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
इस पर्व पर बहनों को अपने भाई का तिलक करने के बाद ही भोजन करना चाहिए। भाई दूज के दिन भाई को पान खिलाना भी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से बहन को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, बहनें भाई के प्रति सम्मान और स्नेह प्रदर्शित करने के लिए उपहार को आदर के साथ स्वीकार करें। बताते चलें कि भाई दूज भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक पर्व है। इस दिन कुछ बातों का ध्यान रखकर आप अपने रिश्ते को और भी प्रगाढ़ बना सकते हैं।
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि का प्रारंभ 2 नवंबर 2024 को रात 8 बजकर 21 मिनट पर होगा और इसका समापन 3 नवंबर 2024 को होगा। इस कारण भाई दूज का पर्व 3 नवंबर 2024, रविवार को मनाया जाएगा।
अपराह्न मुहूर्त: दोपहर 1:10 से 3:22 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:51 से 5:43 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 1:54 से 2:38 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:34 से 6 बजे तक
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।