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15 से 21 अप्रैल 2025 व्रत/त्योहार

Apr 13 2025

April 2025 Third Week Vrat Tyohar: 15 से 21 अप्रैल तीसरे हफ्ते में पड़ेंगे ये त्योहार, देखें लिस्ट


अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से अप्रैल साल का चौथा महीना होता है। अप्रैल का तीसरा हफ्ता व्रत और त्योहारों के मामले में सामान्य रहेगा। इस हफ्ते इस हफ्ते में कुछ महत्वपूर्ण त्योहार पड़ेंगे। जिनमें विकट संकष्टी चतुर्थी, कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी और अन्य शामिल हैं। ये त्योहार न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हैं, बल्कि हमार जीवन को अध्यात्मिक और धार्मिक मूल्यों से भी भर सकते हैं। आइए इस आर्टिकल में अप्रैल के तीसरे हफ्ते में पड़ने वाले इन महत्वपूर्ण त्योहारों के बारे में जानते हैं और उनके धार्मिक महत्व को समझते हैं।


15 से 21 अप्रैल 2025 के व्रत-त्यौहार

  • 15 अप्रैल 2025- पहेला वैशाख 
  • 16 अप्रैल 2025- विकट संकष्टी चतुर्थी
  • 17 अप्रैल 2025- कोई व्रत या त्योहार नहीं है। 
  • 18 अप्रैल 2025- कोई व्रत या त्योहार नहीं है। 
  • 19 अप्रैल 2025- कोई व्रत या त्योहार नहीं है। 
  • 20 अप्रैल 2025- भानु सप्तमी, कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी
  • 21 अप्रैल 2025- कोई व्रत या त्योहार नहीं है। 


15 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार 

15 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है: 

पहेला वैशाख- पश्चिम बंगाल में मेष संक्रान्ति को नबा बरशा या पोहेला बोइशाख के रूप में मनाया जाता है, जो बंगाली कैलेण्डर का प्रथम दिवस है। इसे बंगाली नव वर्ष के रूप में भी जाना जाता है और यह पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा और बांग्लादेश के बंगाली समुदायों में मनाया जाता है। असम में इसे बिहू के रूप में मनाया जाता है, जिसे असमिया नव वर्ष के रूप में भी जाना जाता है।


16 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार 

16 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है: 

विकट संकष्टी चतुर्थी- विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत हर साल वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है, जो भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस व्रत में चतुर्थी तिथि में चंद्रमा की पूजा और अर्घ्य का महत्व होता है, जिससे मानसिक शांति, कार्यों में सफलता और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।


17 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार 

17 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है: 

गुरूवार का व्रत- इस तारीख को कोई त्योहार नहीं है, लेकिन वार के हिसाब से आज आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं। यह व्रत भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित है। गुरूवार के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इस दिन भगवान विष्णु और भगवान बृहस्पति की पूजा करना शुभ माना जाता है। गुरूवार के दिन पीले वस्त्र धारण करने, पीले फल और पीले फूलों का दान करने से भी लाभ होता है। इसके अलावा, इस दिन विद्या और ज्ञान की पूजा करने से भी ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है। गुरूवार के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न और धन का दान करने से भी पुण्य प्राप्त होता है।


18 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार 

18 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है: 

शुक्रवार का व्रत- इस तारीख को कोई त्योहार नहीं है, लेकिन वार के हिसाब से आज आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं। यह व्रत धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित है। शुक्रवार के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करना और उनको श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाना शुभ माना जाता है। शुक्रवार के दिन सफेद वस्त्र धारण करने, सफेद फूलों का दान करने और गरीबों को अन्न और धन का दान करने से भी लाभ होता है। इसके अलावा, इस दिन श्री सूक्त का पाठ करने से भी धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।


19 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार 

19 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है: 

शनिवार का व्रत- इस तारीख को कोई त्योहार नहीं है, लेकिन वार के हिसाब से आज आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं। यह व्रत न्याय के देवता भगवान शनि देव को समर्पित है। शनिवार के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इस दिन भगवान शनि की पूजा करना शुभ माना जाता है। शनिवार के दिन काले वस्त्र धारण करने, काले तिल, काले चने और काली उड़द का दान करने से भी लाभ होता है। इसके अलावा, इस दिन शनि मंदिर में जाकर भगवान शनि की पूजा करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली समस्याएं दूर होती हैं।


20 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार 

20 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है: 

भानु सप्तमी- भानु सप्तमी सूर्य देव को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत और पर्व है, जो शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य उपासना, स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। श्रद्धालु इस दिन व्रत रखते हैं और सुख-समृद्धि व अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं। पुराणों के अनुसार, सूर्य देव का प्राकट्य इसी तिथि पर हुआ था। वे सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर प्रकट हुए और धरती से अंधकार को दूर करने के लिए अपनी किरणें फैलाईं। तभी से इसे भानु सप्तमी कहा जाता है। इस दिन जातक स्नान के बाद सूर्य देवता को जल चढ़ाने के साथ ही स्थल परिक्रमा करते हैं और उपवास करने का भी विधान है। मान्यता है कि इस व्रत से मनुष्य को मोक्ष मिलता है और सच्चे मन से सूर्य देव की आराधना करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।

कालाष्टमी- कालाष्टमी, जिसे कालभैरव जयंती के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण पर्व है जो मार्गशीर्ष (उत्तरी भारतीय पूर्णिमान्त पंचाग) या कार्तिक (दक्षिणी भारतीय अमान्त पंचाग) के महीने में पड़ती है। यह माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव भैरव के रूप में प्रकट हुए थे। कालभैरव जयन्ती को भैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। कालाष्टमी का व्रत सप्तमी तिथि के दिन भी हो सकता है, लेकिन धार्मिक मूलग्रन्थ के अनुसार, अष्टमी तिथि रात्रि के दौरान प्रबल होने पर ही व्रत करना चाहिए। पंचांग के अनुसार, कालाष्टमी के लिए व्रत के दिन का चयन करने के लिए प्रदोष के बाद कम से कम एक घटी के लिए अष्टमी को प्रबल होना चाहिए।

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा मान्यता है कि इस दिन कान्हा की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।


21 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार 

21 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है:

सोमवार का व्रत- इस तारीख को कोई त्योहार नहीं है, लेकिन वार के हिसाब से आज आप सोमवार का व्रत रख सकते हैं। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है। सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव की पूजा करें। उन्हें जल, दूध और फूल चढ़ाएं। इसके अलावा आप शिव चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं। सोमवार के दिन व्रत रखना भी बहुत शुभ माना जाता है। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।


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