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20 फरवरी 2025 का पंचांग

Feb 19 2025

Aaj Ka Panchang: आज 20 फरवरी 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह


Aaj Ka Panchang 20 February 2025: पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। वहीं आज गुरुवार का दिन है। इस तिथि पर शतभिषा नक्षत्र और ध्रुव योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा वृश्चिक राशि में मौजूद हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं। आपको बता दें, आज गुरुवार के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर12 मिनट से लेकर 12 बजकर 58 मिनट तक है। इस दिन राहुकाल दोपहर 02 बजे से लेकर दोपहर 3 बजकर 25 मिनट तक है। आज तिथि के हिसाब से आप गुरुवार का व्रत रख सकते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि विष्णु जी की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को सुख-समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि हो सकती है। वहीं आज कालाष्टमी का व्रत भी रखा जाएगा। जो कालभैरव बाबा को समर्पित है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज गुरुवार के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से भाग्योदय हो सकता है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है और आज के दिन किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है। 


आज का पंचांग 20 फरवरी 2025


  • तिथि - फाल्गुन माह की अष्टमी तिथि
  • नक्षत्र - शतभिषा  नक्षत्र
  • दिन/वार - गुरुवार
  • योग - ध्रुव योग
  • करण -  बव और कौलव


सूर्य-चंद्र गोचर 20 फरवरी 2025


20 फरवरी 2025 को कोई गोचर नहीं होने वाला है। 


सूर्य और चंद्रमा का समय


  • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 55 मिनट से लेकर
  • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 15 मिनट तक
  • चंद्रोदय -  20 फरवरी को शाम 04 बजकर 15 मिनट से लेकर
  • चंद्रास्त - 21 फरवरी को सुबह 10 बजकर 55 मिनट तक


आज का शुभ मुहूर्त और योग 20 फरवरी 2025


  • सर्वार्थ सिद्धि योग - दोपहर 01 बजकर 34 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 06 बजकर 54 मिनट तक।
  • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 23 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 11  मिनट तक।
  • अमृत काल - सुबह 04 बजकर 27 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 13 मिनट तक।
  • अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर12 मिनट से लेकर 12 बजकर 58 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त -  देर रात 02 बजकर 28  मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 13 मिनट तक।
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 12 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 38 मिनट तक।
  • निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 09 मिनट से लेकर रात 01 बजकर 02 मिनट तक।
  • संध्या मुहूर्त - शाम 5 बजकर 39 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 55 मिनट तक।


आज का अशुभ मुहूर्त 20 फरवरी 2025   


  • राहु काल - दोपहर 02 बजे से लेकर दोपहर 3 बजकर 25 मिनट तक
  • गुलिक काल - सुबह 09 बजकर 45 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 10 मिनट तक।
  • यमगंड - सुबह 06 बजकर 55 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 20 मिनट तक।
  • दिशाशूल - दक्षिण दिशा, दिशाशूल में इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
  • दुर्मुहूर्त  - सुबह 10 बजकर 42 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 27 मिनट तक।


पर्व और त्योहार 20 फरवरी 2025


  • 20 फरवरी 2025 व्रत - गुरुवार व्रत, कालाष्टमी व्रत


आज का उपाय 20 फरवरी 2025


20 फरवरी को शतभिषा नक्षत्र और ध्रुव योग का दिव्य संयोग है। इस दिन चंद्रमा वृश्चिक राशि और सूर्य कुंभ राशि में गोचर करते हुए शुभ योग बना रहे हैं। आज गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करें। इस दिन व्रत जरूर रखें और भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करें और इस दिन कालाष्टमी का व्रत भी रखा जाएगा। इस दिन कालभैरव बाबा की पूजा अवश्य करें। इनकी पूजा करने से व्यक्ति को ग्रहदोष से छुटकारा मिल सकता है और जीवन में चल रही परेशानियां दूर हो सकती है। 


20 फरवरी 2025 आज के पंचांग का महत्व


आज शतभिषा नक्षत्र है, जो कि बहुत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है। आज गुरुवार है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। आज फाल्गुन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है।  आज के दिन ग्रहदोष से छुटकारा पाने के लिए उपाय अवश्य करें। साथ ही कालभैरव बाबा की पूजा जरूर करें। आपको बता दें, कालभैरव बाबा को भगवान शिव का उग्र रूप माना जाता है। कालभैरव बाबा को समय और मृत्यु का देवता भी माना जाता है। कालभैरव बाबा को संकट मोचन माना जाता है। कालभैरव बाबा की पूजा करने से जीवन में आने वाले संकटों से मुक्ति मिलती है। कालभैरव बाबा की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से रक्षा होती है।


डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।