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वाहन खरीद शुभ मुहूर्त फरवरी 2025
वाहन खरीदना एक महत्वपूर्ण काम होता है जहां आपका एक सपना वास्तविकता में बदलने वाला होता है। हिंदू धर्म में जिस तरह लोग मांगलिक कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखते हैं उसी तरह संपत्ति, वाहन, भूमि खरीदने से पहले भी शुभ मुहूर्त देखा जाता है।
प्रॉपर्टी खरीद शुभ मुहूर्त फरवरी 2025
भारतीय संस्कृति में शुभ मुहूर्त का महत्व सदियों से जारी है। चाहे वह शादी-विवाह हो, मुंडन, अन्य अनुष्ठान, या फिर संपत्ति की खरीदारी, शुभ मुहूर्त का पालन करना अत्यंत आवश्यक माना जाता है।
नामकरण संस्कार शुभ मुहूर्त फरवरी 2025
साल 2025 में अपने नन्हे मेहमान के आगमन के साथ आप उनके नामकरण संस्कार की तैयारी में जुट गए होंगे। यह एक ऐसा पल है जो न केवल आपके परिवार के लिए बल्कि आपके बच्चे के भविष्य के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
फरवरी का महीना नई उमंग और उत्साह का प्रतीक है जब लोग अपने जीवन में नए सपनों को पूरा करने की योजना बनाते हैं। चाहे वह नया व्यवसाय शुरू करना हो
माघ महीने का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है खासकर जब बात विवाह की आती है। इस महीने में गंगा स्नान और भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। साथ ही दान-पुण्य और मांगलिक कार्यों के लिए यह महीना अत्यंत शुभ माना जाता है।
मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त फरवरी 2025
बच्चे के जन्म के बाद हिंदू परंपरा में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान किया जाता है जिसे मुंडन संस्कार कहा जाता है। यह अनुष्ठान न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि यह व्यक्ति की आत्मा की शुद्धि और नई शुरुआत का प्रतीक भी है।
जनेऊ संस्कार शुभ मुहूर्त फरवरी 2025
उपनयन संस्कार, जिसे जनेऊ संस्कार के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में 16 संस्कारों में से 10वां संस्कार है। यह संस्कार पुरुषों में जनेऊ धारण करने की पारंपरिक प्रथा को दर्शाता है, जो सदियों से चली आ रही है। उपनयन शब्द का अर्थ है "अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ना"।
कर्णवेध संस्कार शुभ मुहूर्त फरवरी 2025
हिंदू धर्म में 16 संस्कारों का विशेष महत्व है और उनमें नौवां संस्कार है कर्णवेध। यह संस्कार बच्चे के कान छिदवाने का समय होता है जो सामान्यतः 1 से 5 वर्ष की उम्र में किया जाता है।
अन्नप्राशन संस्कार शुभ मुहूर्त फरवरी 2025
हिंदू धर्म की समृद्ध परंपरा में "सोलह संस्कार" का महत्वपूर्ण स्थान है, जो जीवन के हर महत्वपूर्ण पड़ाव को दिशा देते हैं। इन संस्कारों में से एक है अन्नप्राशन, जब बच्चा पहली बार ठोस आहार का स्वाद लेता है।