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जानें शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर के बारे में, गुप्त नवरात्रि में यहां जलाई जाती है विशेष दीपमालिका

सनातन परंपरा के अनुसार पृथ्वी पर जहां-जहां सती के अंग या फिर उनसे जुड़ी चीजें वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां- वहां शक्तिपीठ बन गए।

गुप्त नवरात्र में की गई गलतियां पड़ सकती है भारी, रखें इन बातों का ख्याल

हिंदू धर्म में नवरात्रि का काफी महत्व है। ऐसे में आषाढ़ नवरात्र की शुरुआत 6 जुलाई 2024 से हो रही है जिसका समापन 15 जुलाई को होगा।

गुप्त नवरात्रि में कुछ खास उपाय करने से जीवन में आ रही तमाम तरह की बाधायें होगी दूर

साल में चार नवरात्रि पड़ती है। गुप्त नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा देवी के भक्तों के लिए बुहत खास होता है।

यहां पढ़े गुप्त नवरात्रि की पौराणिक कथा

आषाढ़ गुप्त नवरात्र का पर्व बहुत ही शुभ माना जाता है। ये देवी दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा के लिए समर्पित है।

गुप्त नवरात्रि में की जाती है दस महाविद्याओं की उपासना, जानें सभी का परिचय

गुप्त नवरात्रि में गुप्त विद्याओं की सिद्धि के लिए साधना की जाती है। इसीलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं।

क्या है गुप्त नवरात्रि का रहस्य ? जानें इससे जुड़ी रोचक बातें

गुप्त शब्द मतलब गोपनीय यानी छुपी हुई। एक ऐसी आराधना जिसमे माता की अलग तरह की तांत्रिक पूजा की जाती है।

आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि में इस तरह करें मां दुर्गा की पूजा, जानें विधि

नवरात्रि का पर्व उपासना का पर्व है। सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है।

कब से शुरु हो रही गुप्त नवरात्रि, जानें घटस्थापना का शुभ मुहुर्त

हिंदू धर्म में नवरात्रि का खास महत्व है। नवरात्रि के नौ दिनों में माता रानी की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को अपार सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

क्यों ब्रह्माजी की पूजा सिर्फ पुष्कर में होती है, क्यों उनका और कहीं कोई मंदिर भी नहीं है?

शिवपुराण की एक कथा के अनुसार एक बार ब्रह्माजी और विष्णुजी में अहंकारवश सर्वश्रेष्ठ होने की बहस हुई और बहस होते होते दोनों ने अपने पक्ष में कई तर्क दिए लेकिन दोनों एक दूसरे से असहमत थे तभी दोनों ने भगवान शिव के पास जाने और उनसे फैसला लेने के बारे में निश्चय किया।