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बसंत पंचमी पर महाकुंभ का स्नान क्यों है खास?

महाकुंभ जो कि दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है इस बार बसंत पंचमी पर विशेष रूप से खास होने वाला है। इस दिन महाकुंभ में तीसरा अमृत स्नान होना तय हुआ है जो कि त्रिवेणी संगम में होगा।

मां शबरी का महाकुंभ से संबंध

हिंदू धर्म में मां शबरी का नाम बहुत ही आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है। वह भगवान राम की परम भक्त थीं और उनके जीवन की कहानी हमें कई महत्वपूर्ण सीख देती है।

फरवरी के पहले सप्ताह के व्रत-त्योहार

फरवरी का महीना धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस महीने में फाल्गुन माह की शुरुआत होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, फरवरी 2025 में कई प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे।

बसंत पंचमी पर 144 वर्ष बाद बन रहा है विशेष योग

बसंत पंचमी का दिन विद्या की देवी माता सरस्वती की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है और विधि-विधान से माता सरस्वती की पूजा की जाती है।

बसंत पंचमी पर बृहस्पति से इन राशियों को फायदा

ज्योतिष शास्त्र में कुंडली का बहुत महत्व है, और ग्रहों की स्थिति हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित करती है। गुरु, जिसे बृहस्पति भी कहा जाता है, को देवताओं का गुरु माना जाता है और इसका कुंडली में विशेष महत्व होता है।

बसंत पंचमी के दिन अमृत स्नान का महत्व और शुभ मुहूर्त

महाकुंभ 2025 में बसंत पंचमी का महत्व विशेष रूप से बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन तीसरा अमृत स्नान होना तय हुआ है। यह स्नान त्रिवेणी संगम में होगा जहां देश के कोने-कोने से साधु संत और श्रद्धालु पहुंचे हुए हैं।

मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान

मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान होगा। इस बार अमावस्या तिथि को काफी खास माना जा रहा है। बता दें कि महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो चुका है और रोजाना करीब लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं।

मौनी अमावस्या अशुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को स्नान और दान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। प्रत्येक माह आने वाली अमावस्या को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं।

महाकुंभ के संन्यासी

संगम तट पर लगे महाकुंभ में लाखों साधु-संत अपनी धुनी रमाए प्रभु की भक्ति में लीन हैं। इनमें नागा साधु, अघोरी, साधु, संत शामिल हैं। इन संतों में कई तरह के संन्यासी आए हुए हैं। इन्हें लेकर कई तरह के रहस्य भी लोगों के मन में हैं।