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भगवान शिव के प्रिय मास की शुरुआत होते ही शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। बाबा के भक्त लंबी लंबी कतारों में लगकर भगवान शिव का अभिषेक और उनकी पूजा कर रहे हैं।
सृष्टि के सृजन कर्ता के रूप में सनातन धर्म के अनुसार ब्रह्मा जी का स्थान सभी देवों में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश में से सृष्टि के सृजन और संतुलन का कार्य ब्रह्म देव के हाथों में है।
हिन्दू धर्म में हम जिन जिन देवताओं की पूजा करते हैं उन सब की अपनी एक अलग छवि और आभा मंडल है जो भक्तों का मन मोह लेती है। लेकिन भोलेपन के स्वामी भगवान भोलेनाथ शिव इस मामले में भी विरले ही हैं।
देवाधिदेव महादेव की पूजा दो स्वरूप में होती है। एक जो आपने देखा होगा कि वे कैलाश पर्वत पर समाधि की मुद्रा में या माता पार्वती के साथ बैठे हुए हैं और दूसरा शिवलिंग के रूप में जिसकी पूजा हम सभी करते है।
ग्रहों के राजकुमार माने जाने वाले ग्रह बुध सौर मंडल के सबसे छोटे ग्रह हैं, ये सूर्य के सबसे निकटतम ग्रह हैं। इनकी सूर्य से दूरी लगभग ५८० लाख किलोमीटर हैं तथा इनका क्षेत्र ७४८ लाख किलोमीटर। नवग्रहों में राजकुमार माने गए ग्रह बुध हरे रंग के बताए गए हैं तथा ज्योतिष में इनका सम्बन्ध बुद्धि, समृद्धि, शांति, व्यापार, अकाउंट, गणित, त्वचा और ज्योतिष से बताया गया है।
शिव की उत्पत्ति (Shiv jee kee Utpatti)
शंकर, महादेव, महेश, गंगाधर, गिरीश, नीलकंठ, भोलेनाथ, रुद्र जैसे अनेकानेक नामों से विख्यात भगवान शिव को परम शक्तिशाली और सर्वश्रेष्ठ देवता कहा जाता है। सनातन धर्म के साथ-साथ आधुनिक विज्ञान भी मानता है कि सृष्टि शून्य से आरंभ होती है और शून्य पर ही सब कुछ अंत हो जाता है। संपूर्ण ब्रह्मांड का मौलिक गुण एक विराट शून्य है।
बलराम जी के जन्म की कथा, Balram Ji Ki Janam Ki Katha
त्रेता युग में शेषनाग के अवतार लक्ष्मण जी भगवान श्री राम के छोटे भाई के रूप में जन्मे और हर क्षण धर्म की रक्षा हेतु राम जी का साथ दिया। राम युग की कथाओं में वर्णित है कि एक बार लक्ष्मण जी ने आमोद विनोद यानी की हंसी ठिठोली में राम जी से कहा कि इस जन्म में आप मेरे बड़े भाई हैं और मैं आपकी हर आज्ञा का पालन करता हूं, लेकिन अगली बार मैं बड़ा भाई बनना चाहता हूं।
कैसे कुबेर जी बने धन के देवता? कथा कुबेर देव के पुनर्जन्म की
पौराणिक कथाओं के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शंकर की आँखों के जलबिंदु यानी आंसुओं से हुई है। रुद्राक्ष संस्कृत भाषा का एक शब्द है जो दो शब्द रुद्र और अक्ष से मिलकर बना है।