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चैत्र से फाल्गुन तक: भारतीय संस्कृति में 12 महीनों के आहार नियम

प्राचीन भारतीय परंपराओं और आयुर्वेद में आहार का सीधा संबंध ऋतु और शरीर की ज़रूरतों से बताया गया है। भारतीय संस्कृति के अभ्यासी और भारतीय संस्कृति के जानकार पंडित डॉ. राजनाथ झा इस विषय पर बताते हैं कि हर महीने के अनुसार आहार का चयन करना न केवल शरीर के स्वास्थ्य के लिए बल्कि मानसिक संतुलन के लिए भी आवश्यक है।

गया में सूर्यास्त के बाद भी यहां होता है पिंडदान और श्राद्ध

भारत की पवित्र नगरी गया दरअसल भगवान विष्णु की पावन भूमि के रूप में जानी जाती है। गया पूरे विश्व में पिंडदान और श्राद्ध के लिए प्रसिद्ध है।

देवी कात्यायनी

नवरात्रि की छठी तिथि को मां कात्यायनी का पूजन किया जाता है। यह मां पार्वती का दूसरा नाम है। इसके अलावा मां के इस स्वरूप को उमा, गौरी, काली, हेेमावती व ईश्वरी नामों से भी जाना जाता हैं।

स्कंदमाता

नवरात्रि का पाँचवें दिन स्कंदमाता की उपासना की जाती है। मैय्या इस रूप में मोक्ष और सुख देने वाली है। साथ ही मां मनोकामनाएं भी पूर्ण करती है।

देवी कूष्मांडा

नवरात्रि मतलब हम सनातनियों के लिए मां की आराधना के पावन नौ दिन और विशेष तौर पर रात्रि। हर दिन मैय्या का एक नया रूप और उस रूप की आराधना।

पितरों की नाराजगी के 9 महत्वपूर्ण संकेत

यदि आपके घर में भी है अशांति तो नाराज हो सकते हैं आपके पितृ, जानिए पितरों की नाराजगी के 9 महत्वपूर्ण संकेत.

पितरों की प्रसन्नता के 5 संकेत

पितृपक्ष हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण समय माना जाता है, इस वर्ष इसकी शुरुआत बीते 17 सितंबर से हो गई है। ज्योतिर्वेद विज्ञान केंद्र पटना के ज्योतिषाचार्य डॉ. राजनाथ झा के अनुसार यह 15 दिनों का एक अति विशेष कालखंड होता है जब लोग अपने पूर्वजों को तर्पण और श्राद्ध अर्पित करते हैं, जिससे उनकी आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति हो सके।

गया टेंट सिटी

अगर आप पितृपक्ष के अवसर पर पिंडदान के लिए बिहार के गया आ रहे हैं और ठहरने के लिए महंगे होटलों में पैसे खर्च करने की स्थिति में नहीं हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है।

मां कालरात्रि

माता के भक्तों के लिए नवरात्रि सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। इन नौ दिनों में देश ही नहीं दुनिया भर में मैय्या रानी के जगराते और पूजन पाठ किए जाते हैं। मैय्या हर दिन एक अलग रूप में भक्तों को दर्शन देती है और भक्त भी मां के उस स्वरूप की आराधना कर अपने मन की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।