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नवरात्रि साल में 4 बार क्यों आती है?
नवरात्रि वर्ष में चार बार मनाई जाती है—चैत्र, आषाढ़, अश्विन और पौष माह में. इनका संबंध केवल देवी उपासना से नहीं बल्कि ऋतु परिवर्तन, ऊर्जा संतुलन और साधना के विशेष काल से भी है.
चैत्र नवरात्रि में ऐसे दूर करें वास्तु दोष
भक्त वत्सल इस लेख के माध्यम से आपको बता रहा है कि चैत्र नवरात्रि के दौरान यदि घर में सही दिशा में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना और विशेष उपाय किए जाएं तो नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वास्तु दोष समाप्त हो सकता है
चैत्र नवरात्रि के लिए खास मंत्र
हर साल चैत्र और शारदीय नवरात्रि में भक्तगण मां दुर्गा की उपासना करते हैं। इन नौ दिनों के दौरान मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है और विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है।
31 March 2025 Panchang (31 मार्च 2025 का पंचांग)
आज 31 मार्च 2025 चैत्र माह का पन्द्रहवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष तिथि द्वितीया और तृतीया है। आज का दिन बेहद ही खास रहने वाला है क्योंकि आज चैत्र नवरात्रि का दूसरा और तीसरा दिन एक साथ है।
हाथी पर सवार होकर आएंगी माता रानी
सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। साल में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, जिनमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि प्रमुख हैं।
चैत्र नवरात्रि हर साल चैत्र मास में मनाई जाती है और नौ दिनों तक चलती है। यह पर्व माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होता है।
चैत्र नवरात्रि में इन गलतियों से बचें
सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व मां दुर्गा की साधना और शक्ति की उपासना के लिए समर्पित होता है। चैत्र नवरात्रि 2025 का शुभारंभ 30 मार्च को हो रहा है और 6 अप्रैल को इसका समापन होगा।
चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और इसकी नवमी तिथि को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। इस पर्व में माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है और भक्त पूरे विधि-विधान से व्रत रखते हैं। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 से प्रारंभ होकर 6 अप्रैल 2025 को समाप्त होगी।