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20 April 2025 Panchang (20 अप्रैल 2025 का पंचांग)

Apr 14 2025

Aaj Ka Panchang: आज 20 अप्रैल 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह


Aaj Ka Panchang 20 April 2025: आज 20 अप्रैल 2025 वैशाख माह का आठवां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष तिथि सप्तमी है। आज रविवार का दिन है। इस तिथि पर सिद्धि योग रहेगा। वहीं चंद्रमा शाम 06 बजकर 04 मिनट तक धनु राशि में रहेंगे और इसके बाद मकर राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज रविवार के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इस दिन राहुकाल शाम 05 बजकर 12 मिनट से शाम 06 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप रविवार का व्रत रख सकते हैं, जो सूर्य देव को समर्पित होता है। आज के दिन बेहद खास रहने वाला है क्योंकि आज भानु सप्तमी, कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा। साथ ही आज त्रिपुष्कर योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग भी रहेंगे, जो बहुत शुभ माने जाते हैं। आज कुछ समय के लिए भद्रा का साया भी रहेगा। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 


आज का पंचांग 20 अप्रैल 2025

  • तिथि - वैशाख कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि 
  • नक्षत्र - पूर्वाषाढा
  • दिन/वार - रविवार
  • योग - सिद्ध
  • करण - विष्टि और बव

वैशाख कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि प्रारंभ - 19 अप्रैल शाम 06:21 बजे 

वैशाख कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि समाप्त - 20 अप्रैल शाम 07:00 बजे 


सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - मेष राशि में रहेंगे। 
  • चंद्र -  चंद्रमा शाम 06 बजकर 04 मिनट तक धनु राशि में रहेंगे और इसके बाद मकर राशि में गोचर करेंगे। 


सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय - सुबह 5 बजकर 51 मिनट पर 
  • सूर्यास्त - शाम 6 बजकर 50 मिनट पर 
  • चन्द्रोदय - 21 अप्रैल रात्रि 01 बजकर 28 मिनट पर 
  • चन्द्रास्त - 21 अप्रैल सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर 


आज का शुभ मुहूर्त और योग 20 अप्रैल 2025

  • सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 11:48 बजे से 21 अप्रैल को प्रात:काल 05:50 बजे तक। 
  • त्रिपुष्कर योग-  सुबह11:48 बजे से शाम 07:00 बजे तक। 
  • रवि योग- प्रात:काल 05:51 बजे से सुबह 11:48 बजे तक। 
  • ब्रह्म मुहूर्त - प्रात:काल 04:22 बजे से सुबह 05:06 बजे तक।
  • अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11:54 बजे से दोपहर 12:46 बजे तक। 
  • अमृत काल - सुबह 06:43 बजे से सुबह 08:24 बजे तक। 
  • विजय मुहूर्त - दोपहर 02:30 बजे से दोपहर 03:22 बजे तक।
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06:49 बजे से शाम 07:11 बजे तक।
  • संध्या मुहूर्त - शाम 06:50 बजे से शाम 07:56 बजे तक।


आज का अशुभ मुहूर्त 20 अप्रैल 2025

  • राहु काल - शाम 05:12 बजे से शाम 06:50 बजे तक। 
  • गुलिक काल - दोपहर 03:35 बजे शाम 05:12 बजे तक।
  • यमगंड - दोपहर 12:20 बजे से दोपहर 01:58 बजे तक।
  • दिशाशूल - पश्चिम, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
  • विडाल योग - प्रात:काल 05:51 बजे से सुबह 11:58 बजे तक।
  • आडल योग - सुबह 11:48 बजे से 21 अप्रैल प्रात:काल 05:50 बजे तक। 
  • भद्रा - प्रात:काल 05:51 बजे सुबह 06:46 बजे तक। 


20 अप्रैल 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

  • रविवार - आज आप रविवार का व्रत रख सकते हैं, जो सूर्य देव को समर्पित है। 
  • भानु सप्तमी - भानु सप्तमी सूर्य देव को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत और पर्व है, जो शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य उपासना, स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। श्रद्धालु इस दिन व्रत रखते हैं और सुख-समृद्धि व अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं। पुराणों के अनुसार, सूर्य देव का प्राकट्य इसी तिथि पर हुआ था। वे सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर प्रकट हुए और धरती से अंधकार को दूर करने के लिए अपनी किरणें फैलाईं। तभी से इसे भानु सप्तमी कहा जाता है। इस दिन जातक स्नान के बाद सूर्य देवता को जल चढ़ाने के साथ ही स्थल परिक्रमा करते हैं और उपवास करने का भी विधान है। मान्यता है कि इस व्रत से मनुष्य को मोक्ष मिलता है और सच्चे मन से सूर्य देव की आराधना करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।
  • कालाष्टमी - कालाष्टमी, जिसे कालभैरव जयंती के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण पर्व है जो मार्गशीर्ष (उत्तरी भारतीय पूर्णिमान्त पंचाग) या कार्तिक (दक्षिणी भारतीय अमान्त पंचाग) के महीने में पड़ती है। यह माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव भैरव के रूप में प्रकट हुए थे। कालभैरव जयन्ती को भैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। कालाष्टमी का व्रत सप्तमी तिथि के दिन भी हो सकता है, लेकिन धार्मिक मूलग्रन्थ के अनुसार, अष्टमी तिथि रात्रि के दौरान प्रबल होने पर ही व्रत करना चाहिए। पंचांग के अनुसार, कालाष्टमी के लिए व्रत के दिन का चयन करने के लिए प्रदोष के बाद कम से कम एक घटी के लिए अष्टमी को प्रबल होना चाहिए।
  • मासिक कृष्ण जन्माष्टमी - धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा मान्यता है कि इस दिन कान्हा की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।


आज का उपाय 20 अप्रैल 2025

20 अप्रैल को सिद्ध योग बन रहा है। सिद्ध को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से आपको अपने जीवन में सफलता, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति हो सकती है। आज के दिन दान-पुण्य करने से आपको पुण्य मिलेगा और आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे। 

  • रविवार के उपाय - रविवार के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इस दिन सूर्य देव की पूजा करना शुभ माना जाता है। रविवार के दिन लाल वस्त्र धारण करने, लाल फूलों का अर्पण करने और गुड़ का दान करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा इस दिन सूर्य मंत्र का जाप करने से भी लाभ होता है। रविवार के दिन व्रत और उपवास रखने से भी सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।
  • भानु सप्तमी के उपाय - भानु सप्तमी के दिन भगवान सूर्य की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। इस दिन भगवान सूर्य को जल चढ़ाने और उनकी पूजा करने से स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है। इसके अलावा इस दिन तांबे के बर्तन में जल भरकर उसमें लाल फूल, अक्षत और रोली मिलाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इससे भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • कालाष्टमी के उपाय - कालाष्टमी के दिन भगवान कालभैरव की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। इस दिन भगवान कालभैरव को जल, दूध, और शहद चढ़ाने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा इस दिन भगवान कालभैरव को काले तिल, काले चने और उड़द की दाल चढ़ाने से भी उनकी कृपा प्राप्त होती है। कालाष्टमी के दिन भगवान कालभैरव की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
  • मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के उपाय - मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। इस दिन भगवान कृष्ण को माखन, मिश्री और फल चढ़ाने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। साथ ही इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि, प्रेम और शांति की प्राप्ति होती है। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के मंत्रों का जाप करने से भी उनकी कृपा प्राप्त होती है और जीवन में पॉजिटिविटी आती है। 


20 अप्रैल 2025 आज के पंचांग का महत्व

आज पूर्वाषाढा नक्षत्र है। पूर्वाषाढा को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये सामान्य माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। साथ ही वैशाख माह चल रहा है। वैशाख का महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है, इसलिए इस माह श्री हरि की पूजा विधिवत करे। साथ ही आज वार कि हिसाब से आप शनि देव की पूजा कर सकते हैं। आज के दिन बेहद खास रहने वाला है क्योंकि आज भानु सप्तमी, कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा। साथ ही आज त्रिपुष्कर योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग भी रहेंगे, जो बहुत शुभ माने जाते हैं। आज कुछ समय के लिए भद्रा का साया भी रहेगा। 



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