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नासिक में कब लगेगा कुंभ मेला

कुंभ मेला, जो भारत की प्राचीन धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं का हिस्सा है, हर 12 साल में चार पवित्र स्थानों—प्रयागराज (इलाहाबाद), हरिद्वार, उज्जैन और नासिक—में आयोजित होता है।

लेटे हनुमान जी मंदिर, प्रयागराज

उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी प्रयागराज में एक अनोखा और रहस्यमयी मंदिर स्थित है। इस मंदिर में हनुमान जी की विशाल लेटी हुई प्रतिमा की पूजा होती है, जो दुनिया में कहीं और नहीं देखी जाती।

61 कलश ठंडे पानी से नहाते हैं नागा साधु

महाकुंभ का मेला भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक अहम हिस्सा है। इस मेले में नागा साधुओं की उपस्थिति एक अलग ही आकर्षण का केंद्र होती है। ये साधु अपने अद्भुत तप और हठ योग के लिए जाने जाते हैं। कड़ाके की ठंड में भी निर्वस्त्र रहकर ध्यान लगाना और ठंडे पानी से स्नान करना उनके लिए आम बात है।

किस मुहूर्त में करें पहला शाही स्नान

प्रयागराज महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। इस दिन पहला शाही स्नान भी होगा। बड़ी संख्या में साधु संत और श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर स्नान करेंगे। बता दें कि हिंदू धर्म में शाही स्नान की परंपरा बेहद पुरानी रही है।

आदि गणेश मंदिर, प्रयागराज

तीर्थराज प्रयागराज, जो सनातन धर्म की सबसे प्राचीन और पवित्र नगरीयों में से एक मानी जाती है, धर्म और संस्कृति का अद्वितीय केंद्र है।

नागवासुकी मंदिर, प्रयागराज

प्रयागराज, धर्म और आस्था की पवित्र नगरी, इन दिनों महाकुंभ की तैयारियों में जुटी है। संगम नगरी में लगने वाले इस महोत्सव में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु स्नान और पूजा के लिए पहुंचने वाले हैं। इस धार्मिक आयोजन के दौरान प्रयागराज के प्रमुख घाटों के साथ-साथ यहां के ऐतिहासिक और पौराणिक मंदिरों के दर्शन करना भी एक खास अनुभव होता है।

कितने जगह में फैला है कुंभ, जानें कौन सी चीजें कहां हैं

हिंदू तिथि के अनुसार, हर 12 साल में पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व के साथ महाकुंभ की शुरुआत होती है और महाशिवरात्रि पर खत्म होता है।

कुंभ स्नान के लिए ये 10 महत्वपूर्ण तिथियां

महाकुंभ मेला हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और ऐतिहासिक आयोजन है, जो 12 साल में एक बार होता है। वर्ष 2025 में यह मेला प्रयागराज में आयोजित हो रहा है, जहां लाखों श्रद्धालु मोक्ष की प्राप्ति के लिए पवित्र स्नान करेंगे।

हरिद्वार में कब लगेगा कुंभ मेला

हिंदू धर्म में कुंभ मेले का अत्यधिक महत्व है। इसे विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है। इस वर्ष महाकुंभ मेला 13 जनवरी से प्रारंभ हो रहा है और 26 फरवरी को समाप्त होगा।