नवीनतम लेख
पितृपक्ष में इन 5 तरीको से करें पूर्वजों का सम्मान, समृद्धशाली होगा जीवन
सनातन धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व है। पितृपक्ष में लोग अपने पितरों को श्रद्धांजलि देने के लिए उनका श्राद्ध करते हैं जिसमें विशेष अनुष्ठान और पूजा की जाती है।
पितृपक्ष के दौरान इन खास वस्तुओं का करें दान, चमत्कारी फायदों के साथ खिल उठेगा जीवन
जब धरती पर अंधकार की छाया गहराती है और चंद्रमा की रोशनी में कई तारे आसमान में टिमटिमाते हुए दिखाई देते हैं तब हमें याद आती हैं हमारे पूर्वजों की। बचपन में सुनी नानी-दादी की कहानियां तो यही कहती हैं कि जब भी किसी की मृत्यु हो जाती है
क्या श्राद्ध ना करने से नाराज हो जाते हैं पितृ? गरूड़ पुराण के जरिए जानिए पितरों के निवास का सही स्थान
गया में ही क्यों किया जाता है पिंडदान
शास्त्रों में वर्णित है कि हम अपने पितरों को जो देते हैं उससे कई गुना ज्यादा वो हमें प्रदान कर देते हैं। उनका आशीर्वाद सदा हमें हमारे जीवन में आगे की ओर बढ़ने को मार्ग प्रशस्त करता है।
अकाल मृत्यु को प्राप्त लोगों का प्रेतशिला वेदी पर होता है पिंडदान, जानिए क्या है महत्व
बिहार के गया के बारे में गयासुर की कथा काफ़ी प्रचलित है। ऐसी मान्यता है कि गयासुर के नाम पर ही बिहार का गया जिला बसा हुआ है. ऐसा कहा जाता है कि जब गयासुर लेटा तो उसका शरीर पांच कोस में फैल गया था.
गया में असली शव न होने पर भी क्यों किया जाता है दाहसंस्कार
रोज नहीं मिला एक मुंड और पिंड तो जाग जाएगा दैत्य गयासुर, कोरोना में भी नहीं टूटी परंपरा
सिर्फ पितृपक्ष ही नहीं गया में सालभर होतें हैं पिंडदान, जानिए क्या है यहां का महत्व
सिर्फ पितृपक्ष ही नहीं गया में सालभर होतें हैं पिंडदान, जानिए क्या है यहां का महत्व
श्राद्ध करने के बाद जरूर करें ये काम, वर्ना नहीं मिलेगा श्राद्ध का पूरा फल, जानिए क्या है नियम
श्राद्ध करने के बाद जरूर करें ये काम, वर्ना नहीं मिलेगा श्राद्ध का पूरा फल, जानिए क्या है नियम