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विवाह पंचमी पर केले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन अयोध्या और जनकपुर में विशेष उत्सव और शोभा यात्राएं निकाली जाती हैं। यह दिन भगवान श्रीराम और माता सीता के पवित्र विवाह के स्मरण में मनाया जाता है। जिसमें भक्ति गीत, कीर्तन और पूजा-अर्चना का आयोजन होता है। इसके साथ ही, इस पर्व को श्री राम विवाह उत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष विवाह पंचमी 6 दिसंबर को मनाई जाएगी। विवाह पंचमी और केले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। यह आध्यात्मिक दृष्टि के साथ ज्योतिषीय दृष्टि से भी लाभकारी है।
केले का पेड़ हिंदू धर्म में शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह वृक्ष भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और गुरु बृहस्पति से जुड़ा हुआ है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, केले का पेड़ भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय होता है। इसे घर में लगाने और पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।
विवाह पंचमी के दिन केले के पेड़ की पूजा करने से वैवाहिक जीवन से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। जिन लोगों के जीवन में विवाह को लेकर बाधाएं आती हैं, या जिनका वैवाहिक जीवन संघर्षपूर्ण होता है, उनके लिए यह पूजा अत्यंत लाभकारी मानी जाती है।
वहीं, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विवाह पंचमी पर केले के पेड़ की पूजा करने से गुरु ग्रह से जुड़े दोष दूर होते हैं। गुरु ग्रह, जिसे बृहस्पति भी कहा जाता है, विवाह, संतान, धर्म और समृद्धि का कारक माना जाता है। गुरु ग्रह की स्थिति कमजोर होने पर व्यक्ति के जीवन में विवाह में देरी, वैवाहिक जीवन में समस्याएं और संतान से संबंधित परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं। विवाह पंचमी पर केले के पेड़ की पूजा करने से इन समस्याओं का समाधान मिलता है और गुरु ग्रह के नकारात्मक प्रभावों से राहत मिलती है।
1. विष्णु और लक्ष्मी का आशीर्वाद: केले का पेड़ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी से जुड़ा होने के कारण इसकी पूजा करने से उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
2. वैवाहिक समस्याओं का समाधान: मान्यता है कि इस दिन केले के पेड़ की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और अविवाहितों के लिए विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
3. गुरु दोष का निवारण: जिन व्यक्तियों की कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर होता है, उनके लिए यह पूजा विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती है।
विवाह पंचमी पर केले के पेड़ की पूजा एक विशेष विधि से की जाती है।
इस प्रकार, विवाह पंचमी पर केले के पेड़ की पूजा करना ना सिर्फ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक साधन है, बल्कि गुरु ग्रह के दोषों को दूर करने और वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने का भी एक बढ़िया उपाय है।