Vaishakh Amavasya Chalisa: वैशाख अमावस्या पर करें इस चालीसा का पाठ, इससे पितृ होते हैं प्रसन्न
हिंदू धर्म में वैशाख माह की अमावस्या तिथि विशेष रूप से पवित्र मानी जाती है। यह दिन पितरों को स्मरण करने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए अत्यंत शुभ होता है। पौराणिक मान्यताओं और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, वैशाख अमावस्या पर विशेष उपाय और पूजा करने से पितृ दोष का निवारण होता है और पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
वैशाख अमावस्या पर करें पितृ चालीसा का पाठ
वैशाख अमावस्या के दिन पितृ चालीसा का पाठ करना एक फल दायक उपाय माना गया है। पितृ चालीसा एक विशेष स्तोत्र है, जो पितरों को समर्पित है। यह चालीसा पितृ दोष को दूर करने में सहायक होती है और मन को शुद्ध करता है। साथ ही, शांति भी प्रदान करता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितरों की कृपा से जीवन में आने वाली रुकावटें समाप्त होती हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
दीपक जला कर करें पितृ चालीसा का पाठ
- सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी या घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
- फिर पितरों के फोटो के सामने दीपक प्रज्वलित करें और शांत मन से पितृ चालीसा का पाठ करें।
- साथ ही, तांबे के लोटे में जल लेकर पीपल वृक्ष के नीचे या घर के आंगन में पितरों को जल अर्पित करें और फूल चढ़ाएं।
- पितृ चालीसा पाठ करने के बाद ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र और दक्षिणा का दान करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और पितृ संतुष्ट होते हैं।
पितृ चालीसा के पाठ से बाधाएं होती हैं कम
- जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है, उनके जीवन में लगातार बाधाएं आती हैं। ऐसे में पितृ चालीसा का पाठ वैशाख मास की अमावस्या पर करने से पितृ दोष कम होने लगता है।
- पितृ चालीसा के माध्यम से की गई प्रार्थना पितरों तक पहुंचती है और वे प्रसन्न होकर अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।
- पितरों के आशीर्वाद से घर-परिवार में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है। साथ ही व्यापार, नौकरी और पढ़ाई में भी सफलता प्राप्त होती है।