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सौभाग्य सुंदरी तीज 2024

सौभाग्य सुंदरी तीज 2024: नवंबर में कब मनाई जा रही सौभाग्य सुदंरी तीज, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और महत्व 


सौभाग्य सुंदरी तीज उत्तर भारत में विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो पारंपरिक हिंदू कैलेंडर के मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष के तृतीया को मनाया जाता है। यह त्यौहार दिसंबर से जनवरी के महीनों के बीच आता है। इस दिन महिलाएं अपने परिवार के कल्याण और समृद्धि के लिए देवी माँ की विशेष पूजा करती हैं। इस त्यौहार को सौभाग्य सुंदरी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन शादीशुदा महिलाएं भोलनाथ और माता पार्वती की पूजा करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और दांपत्य जीवन में मिठास बनी रहती है। आईये जानते हैं इस साल यानी 2024 में सौभाग्य सुंदरी तीज कब है? साथ ही जानेंगे इस दिन का महत्व, पूजा विधि और महत्व के बारे में। 


कब है सौभाग्य सुंदरी तीज 2024? 


हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष के तृतीया तिथि को सौभाग्य सुंदरी तीज मनाई जाती है। साल 2024 में इस तिथि की शुरूआत 17 नवंबर को रात्रि 09:06 मिनट से हो रही है जो 18 नवंबर को शाम 06:56 मिनट तक जारी रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार सौभाग्य सुंदरी तीज 18 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है। 


सौभाग्य सुंदरी तीज 2024 शुभ मुहूर्त


इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06:46 बजे से सुबह 07:56 बजे तक रहेगा। 


सौभाग्य सुंदरी तीज पूजा विधि 


  • सौभाग्य सुंदरी तीज के दिन महिलाएं सूर्योदय के समय उठकर स्नान करती हैं। 
  • इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं और अच्छे कपड़े पहनती हैं। 
  • इन 16 श्रृंगारों में मेहंदी, कुमकुम, चूड़ियाँ, रोली, हल्दी, सुपारी, सिंदूर और पायल आदि शामिल हैं।
  • सौभाग्य सुंदरी तीज के अवसर पर विवाहित महिलाएं देवी मां (देवी पार्वती का एक रूप) की पूजा करती हैं। 
  • महिलाएं भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा अनुष्ठानिक तरीके से करती हैं। 
  • भगवान और देवी की मूर्तियों को लाल कपड़े में लपेटा जाता है और लकड़ी के मंच पर रखा जाता है।
  • सामने एक मिट्टी का दीया जलाया जाता है और देवताओं को मौली, रोली, चावल, सुपारी और पान के रूप में विभिन्न प्रसाद चढ़ाए जाते हैं। 
  • देवी पार्वती की मूर्ति को भी 16 श्रृंगार कर खूबसूरती से सजाया जाता है।
  • अनुष्ठानों के अनुसार, पूजा के दौरान सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। 
  • सौभाग्य सुंदरी तीज पूजा के समय भगवान शिव के पूरे परिवार के साथ-साथ नौ ग्रहों की भी पूजा की जाती है।
  • इस दिन भक्त अपने घर पर ब्राह्मण को आमंत्रित करते हैं। 
  • महिलाएं इस दिन देवी पार्वती को भोग लगाने के लिए एक विस्तृत और विशेष भोजन तैयार करती हैं। 
  • पूजा के बाद, ब्राह्मण को भोजन कराने और फिर उन्हें ‘कपड़े और दक्षिणा' देने की प्रथा है।


सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत 


सौभाग्य सुंदरी तीज के दिन महिलाएं कठोर व्रत रखती हैं। वे पूरे दिन कुछ भी नहीं खाती-पीती हैं। सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत सभी पूजा अनुष्ठानों को पूरा करने के बाद खोला जाता है। महिलाएं अपने पति के कल्याण और दीर्घायु के लिए यह व्रत रखती हैं।


सौभाग्य सुंदरी तीज का महत्व 


सौभाग्य सुंदरी तीज का महत्व विवाहित महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यह व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति, दांपत्य जीवन में मिठास, पति की दीर्घायु और स्वास्थ्य, परिवार की समृद्धि और आध्यात्मिक शुद्धि प्रदान करता है। इस व्रत को रखने से महिलाएं माता पार्वती की कृपा प्राप्त करती हैं और सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद पाती हैं। यह त्यौहार विवाहित महिलाओं के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का संचार करता है और उनके दांपत्य जीवन को मजबूत बनाता है।


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