Sakat Chauth 2025: सकट चौथ के दिन क्या करें और क्या नहीं? जानें यम-नियम
सकट चौथ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। इस दिन भगवान गणेश के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत को रखने से पति की उम्र लंबी होती है और उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है। सकट चौथ का व्रत रखने से घर में सुख-समृद्धि भी आती है। तो आइए, इस आर्टिकल में सकट चौथ के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं एवं इस दिन के नियमों को विस्तार पूर्वक जानते हैं।
सकट चौथ व्रत के दिन क्या करें?
- कर सकते हैं निर्जला व्रत:- सकट चौथ के व्रत में निर्जला उपवास रखा जाता है। इसलिए, पूरे दिन पानी भी नहीं पीना चाहिए।
- सात्विक भोजन:- व्रत तोड़ने से पहले तक केवल सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए।
- शांत वातावरण के करें पूजा:- पूजा के समय शांत वातावरण में बैठकर पूजा करना चाहिए।
- मन में ना रखें द्वेष और ईर्ष्या:- सकत चौथ व्रत के दौरान अपने मन में किसी भी प्रकार का द्वेष या ईर्ष्या ना रखें। ऐसा करने से व्रत का फल प्राप्त नहीं होता।
- रात्रि में चंद्रमा को दें अर्घ्य:- चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही इस व्रत का पारण करना चाहिए।
सकट चौथ के दिन क्या ना करें?
- गणपति को ना चढ़ाएं तुलसी:- सकट चौथ के दिन गणेश जी को तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए। पौराणिक कथा के अनुसार गणेश जी ने तुलसी जी का विवाह प्रस्ताव ठुकरा दिया था। जिसके बाद तुलसी जी ने गणेश जी को दो विवाह का श्राप दिया था। इसपर, गणेश जी ने तुलसी जी का विवाह एक राक्षस के साथ होने का श्राप दिया। तभी से गणेश पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता है।
- मूषक को ना पहुंचाएं कोई कष्ट:- सकट व्रत रख रहे लोगों को इस दिन भूल से भी गणेश जी की सवारी मूषक महाराज को कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिए। ऐसा करने से गणेश जी नाराज हो सकते हैं।
- नहीं पहने काले रंग के कपड़े:- सकट व्रत करते समय महिलाएं भूलकर भी काले रंग के कपड़े ना पहनें। बल्कि, इस दिन पीले या लाल रंग के कपड़े पहने। क्योंकि, ये रंग शुभ माने जाते हैं।
- पैरों पर नहीं पड़े अर्घ्य:- सकट पूजा में चंद्रमा को जल में दूध और अक्षत मिलाकर अर्घ्य दिया जाता है। हालांकि, अर्घ्य देते समय ध्यान दें कि अर्घ्य के जल की छींटे पैरों पर नहीं पड़ने चाहिए।
सकट चौथ की ऐसे करें पूजा
- सकट चौथ के दिन सबसे पहले स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
- अब एक चौकी पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें।
- इसके बाद पीला वस्त्र पहनकर भगवान गणेश की पूजा करें।
- सबसे पहले दूर्वा अर्पण करें।
- अब तिल से बनी चीजों का भोग लगाएं। वहीं, रात्रि में चंद्रमा को अपनी मनोकामना लिए जल में तिल मिलाकर अर्पित करें।
- माना जाता है कि ऐसा करने से सारी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होंगी। संतान के सभी कष्ट समाप्त हो जाएंगे।
सकट चौथ व्रत का महत्व
माताएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए यह व्रत करती हैं। इस व्रत को रखने से माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में आने वाली परेशानियां ही कम होती हैं। संतान प्राप्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है। बता दें कि 17 जनवरी के दिन सकट चौथ का व्रत रखा जाएगा।