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रथ-सप्तमी के दिन सूर्यदेव की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि अगर सूर्यदेव की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ किया जाए तो व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य के साथ मान-सम्मान में भी वृद्धि हो सकती है। सनातन धर्म में वर्णित है कि माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन ही सूर्यदेव का प्रादुर्भाव हुआ था। इस दिन सूर्यदेव को कुछ चीजों का भोग लगाने से कई तरह के लाभ प्राप्त हो सकते हैं। तो आइए, इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं कि रथ-सप्तमी के सूर्यदेव को कौन कौन सी चीजों का भोग लगाना चाहिए।
रथ सप्तमी के विशिष्ट दिन सूर्यदेव को शहद जरूर चढ़ाएं। धार्मिक मान्यता है कि सूर्यदेव को शहद चढ़ाने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इसके साथ ही जीवन में सुख की बढ़ोतरी होती है। साथ ही सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। इसके अलावा अगर आप स्वास्थ्य संबंधित किसी तरह की परेशानियों का सामना कर रहें हैं तो शहद अर्पित करने से इससे भी छुटकारा मिल सकता है। धर्म शास्त्र में शहद का संबंध सभी ग्रहों से बताया गया है। इसलिए, सूर्यदेव को जल देने के दौरान उसमें शहद अवश्य मिलाएं। इससे व्यक्ति को पूरे जीवन के लिए आरोग्य की प्राप्ति हो सकती है।
रथ सप्तमी का त्योहार सूर्यदेव को समर्पित है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा करने और उन्हें जल अर्पित करने का विशेष महत्व होता है। इसी के साथ, काले तिलों को सूर्यदेव को अर्पित करना भी एक प्राचीन परंपरा है। काले तिलों को सूर्यदेव से गहरा नाता माना जाता है। दरअसल, काले तिलों का दान पितृदोष निवारण के लिए भी किया जाता है। काले तिलों को धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए रथ सप्तमी के दिन सूर्यदेव को काले तिल जरूर चढ़ाएं। इस दिन काले तिलों का दान भी किया जा सकता है। इसके अलावा अर्घ्य के जल में भी काले तिल को मिलाकर अर्घ्य दिया जा सकता है।
हिंदू धर्म में सूर्यदेव को गुड़ बहुत प्रिय माना जाता है। मान्यता है कि गुड़ चढ़ाने से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। गुड़ को ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। सूर्यदेव भी ऊर्जा के देवता हैं। इस कारण, गुड़ चढ़ाने से सूर्यदेव की ऊर्जा अपने भक्तों में प्रवाहित होती है। इतना ही नहीं, अगर किसी के विवाह इत्यादि में किसी तरह की कोई परेशानी आ रही है तो रथ सप्तमी के दिन सूर्यदेव को गुड़ जरूर चढ़ाएं। धार्मिक मान्यता है कि इससे विवाह में आने वाले बाधाओं अथवा समस्याओं का निवारण हो जाता है।