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प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि मां दुर्गा को समर्पित है। इस शुभ तिथि पर जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा-भक्ति की जाती है। साथ ही अष्टमी का व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ जो कोई भी व्यक्ति मां दुर्गा की उपासना करता है, देवी मां उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। साथ ही इस दिन पूजा से जीवन में चल रही किसी भी तरह की समस्या का समाधान निकल जाता है। मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन मास की मासिक दुर्गाष्टमी का भी बहुत अधिक महत्व है। आइए जानते हैं मासिक दुर्गाष्टमी की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त...
वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 06 मार्च को सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर होगी। वहीं, अष्टमी तिथि की समाप्ति 07 मार्च को सुबह 09 बजकर 18 मिनट पर होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है। अतः 07 मार्च को फाल्गुन माह की दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी।
ज्योतिष के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर भद्रावास का संयोग बन रहा है। यह संयोग सुबह 10 बजकर 50 मिनट से लेकर रात सुबह 10 बजकर 01 मिनट तक है। इस दौरान जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।
शास्त्रों के अनुसार, देवी दुर्गा की रचना त्रिमूर्ति यानी भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश द्वारा की गई थी। मान्यता है कि जो लोग सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा करते हैं, उनकी सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं और उनका भाग्य चमक उठता है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है, साथ ही गरीबी और दरिद्रता दूर हो जाती है और जीवन में खुशहाली आती है।