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नर्मदा जयंती उपाय

Narmada Jayanti 2025: नर्मदा जयंती पर करें ये उपाय, पूर्ण होगी सारी मनोकामनाएं 


गंगा नदी की तरह ही मां नर्मदा को भी बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना गया है। भारत में छोटी-बड़ी 200 से अधिक नदियां हैं, जिसमें पांच बड़ी नदियों में नर्मदा भी एक है। इतना ही नहीं, मान्यता है कि नर्मदा के स्पर्श से ही पाप मिट जाते हैं। इसलिए, प्रतिवर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को नर्मदा जयंती मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन साधक द्वारा कुछ उपाय करने से उन्हें विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। तो आइए, इस आर्टिकल में इस दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं।  


नर्मदा जयंती के दिन किए जाने वाले विशेष उपाय 


सुखी वैवाहिक जीवन के लिए:- दांपत्य जीवन में यदि किसी प्रकार की समस्या चल रही हो या विवाह में देरी हो रही हो तो जातक को नर्मदा नदी में जरूर स्नान करना चाहिए। स्नान करने के बाद गीले वस्त्र में ही शिव-पार्वती का पूजन किया जाता है। साथ ही माता पार्वती को लगा सिंदूर अपने मस्तक पर लगाना चाहिए। इस उपाय को करने के शिव-पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही विवाह से जुड़ी सभी तरह की परेशानियां भी दूर हो जाती हैं।


ऐसे दूर करें कालसर्प दोष:- यदि किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो इसकी मुक्ति के लिए नर्मदा जयंती के दिन चांदी के बने नाग-नागिन का जोड़ा नर्मदा नदी में प्रवाहित कर दें। इस उपाय को करने से कुंडली से कालसर्प दोष दूर हो जाता है।


इन मंत्रों से करें माता नर्मदा की पूजा 


नर्मदा जयंती के दिन घर में नर्मदा के निमित्त होकर पूजा-पाठ करते समय कुछ जल पास में रखें और पूजा के पश्चात प्रार्थना करें- हे मां नर्मदा आप इस जल में निवास करें और मेरे घर में सुख एवं शांति प्रदान करें। इसके अलावा ओउम नर्मदाए नमः मंत्र का 108 बार पाठ करें। तत्पश्चात उस जल को चरणामृत स्वरूप सभी को दें और जल का छींटा अमृतवर्षा के रूप में करें। इस दिन मां नर्मदा की आरती जरूर करनी चाहिए। इससे आपके पापों का नाश होगा और मां नर्मदा की कृपा प्राप्त होगी। मां नर्मदा के निमित्त होकर जरूरतमंदों को यथाशक्ति भोजन, वस्त्र, दवाईयों इत्यादि का दान अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से नर्मदा कृपा प्राप्ति होगी और आपकी इच्छाओं की पूर्ती होने में सहायता भी प्राप्त होगी।


इन उपायों से पूरी होती हैं मनोकामनाएं   


हिंदू धर्म की 7 पवित्र नदियों में भी नर्मदा को विशेष स्थान दिया गया है। मान्यता है कि इसी तिथि पर मां नर्मदा का प्राकट्य हुआ था। इस वर्ष 2025 में यह तिथि मंगलवार, 4 फरवरी को पड़ रही है। नर्मदा जयंती के दिन नर्मदा नदी में स्नान, दीपदान और पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व है। इसके साथ इस दिन कुछ विशेष उपायों को करने से समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है, ग्रह-दोष दूर हो जाते हैं और मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। 


जानें नर्मदा नदी की विशेषता


स्कंद पुराण के रेखाखंड में ऋषि मार्केंडेय द्वारा उल्लेख मिलता है कि प्राचीन काल में नर्मदा के तट पर ही भगवान नारायण के अवतारों ने आकर स्तुति की थी। पुराणों के अनुसार नर्मदा नदी की परिक्रमा सिद्ध, नाग, यक्ष, गंधर्व, किन्नर और मानव सभी करते हैं। शास्त्रों के अनुसार गंगा नदी में स्नान करने से एक दिन में फल मिलता है, सरस्वती नदी में स्नान करने से तीन दिन में फल मिलता है। वहीं, नर्मदा नदी के केवल दर्शन या स्पर्श मात्र से ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है और सारे पाप स्वतः ही नष्ट हो जाते हैं। 


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