नवीनतम लेख
11 दिसंबर 2024 को मोक्षदा एकादशी के पावन अवसर पर शुक्र देव श्रवण नक्षत्र में गोचर करेंगे। शुक्र ग्रह को सुख, ऐश्वर्य, और भौतिक संपन्नता का कारक माना जाता है। उनके इस नक्षत्र परिवर्तन का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा, लेकिन दो राशियों को विशेष रूप से लाभ होगा। कर्क और मकर राशि के जातकों के लिए यह समय शुभ रहेगा। इस अवधि में धन लाभ, करियर में प्रगति और मनोबल में वृद्धि होगी साथ ही स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा। तो आइए इस आलेख में शुक्र देव के नक्षत्र परिवर्तन और राशियों के प्रभाव को विस्तार से जानते हैं।
शुक्र ग्रह 11 दिसंबर 2024 को श्रवण नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 22 दिसंबर तक इसी नक्षत्र में रहेंगे। इसके बाद 23 दिसंबर को शुक्र देव धनिष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। वर्तमान में शुक्र ग्रह मकर राशि में स्थित हैं और 27 दिसंबर तक यहीं रहेंगे। 28 दिसंबर को शुक्र ग्रह मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। यह नक्षत्र परिवर्तन कुछ विशेष राशियों के लिए बेहद लाभकारी रहेगा, विशेषकर कर्क और मकर राशि के जातकों के लिए। आइए जानते हैं इन राशियों पर इसका प्रभाव।
शुक्र देव को प्रसन्न करने के लिए निम्न उपाय करें।
1. भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें।
2. कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें।
3. सफेद वस्त्र और चावल का दान करें।
4. शुक्रवार के दिन गरीबों को मिठाई और दूध बांटें।
5. शुक्र ग्रह के मंत्रों का जाप करें।
"ॐ शुक्राय नमः।"
"ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।"
मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं। इसी दिन शुक्र ग्रह के नक्षत्र परिवर्तन का संयोग कर्क और मकर राशि के जातकों के लिए बेहद शुभ है। यह समय नई शुरुआत, आर्थिक उन्नति, और पारिवारिक सुख के लिए उपयुक्त है।
बता दें कि शुक्र ग्रह के प्रभाव से जीवन में भौतिक सुख-सुविधाएं बढ़ती हैं। उनकी कृपा से व्यक्ति को करियर, धन, और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना अवश्य करें।
शुक्र ग्रह का नक्षत्र परिवर्तन और मोक्षदा एकादशी का संयोग कर्क और मकर राशि के जातकों के लिए विशेष लाभकारी रहेगा। इस दौरान धार्मिक कार्यों में मन लगाएं, शिव जी की आराधना करें और दान-पुण्य के माध्यम से शुक्र देव को प्रसन्न करें। इससे सुख-समृद्धि और मानसिक शांति भी प्राप्त होगी।